आधुनिक युग का देवता : कंप्यूटर (निबंध)

निबंध

आधुनिक युग का देवता – कम्प्यूटर

 

जब किसी वस्तु या व्यक्ति में ऐसे कार्य करने की क्षमता दिखाई पड़ती है जिसे देख मानव आश्चर्यचकित हो जाता है और श्रद्धा से नतमस्तक हो जाता है तो उस व्यक्ति को हमारे यहाँ देवता की उपाधि दी जाती है ।

भूमिका

आधुनिक युग में मानव कंप्यूटरों की अद्भुत क्षमता से हतप्रभ है। कम्प्यूटर एक एलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो तीव्र गति से आंकड़ों को संग्रहीत, उत्पादित, एवं संचारित करने में सक्षम है और गलती भी नहीं करती । यह आंकड़े तथ्यों की प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति होते हैं।

कम्प्यूटर का दैनिक जीवन पर प्रभाव

आज कम्प्यूटर का प्रयोग जीवन के हर क्षेत्र में हो रहा है और हर दिन बढ़ता जा रहा है । इनमें छोटी – छोटी चिपों पर माइक्रोप्रोसैसर लगे होते हैं जिनसे विभिन्न प्रकार के घरेलू उपकरण नियंत्रित होते हैं । इनसे टेलीविजन सेटों में स्व–चलित ट्यूनिग तथा रंगों के संयोजन में मदद मिलती है ।

इनकी मदद से बजट बनाने, यंत्रों में रख–रखाव, डाक–सूची बनाने, विशेष समारोहों तथा जन्मदिवसों आदि की सूचना संग्रह करने में सहायता मिलती है । इसकी मदद से लोग घरों में बैठ कर बैंकों का साधारण काम–काज भी कर सकते हैं और दुकान वाले अपने काम का हिसाब – किताब भी बना सकते हैं ।

कार्यालयों में काम को तेज़ी से करने और लंबित कामों को निपटने में इनसे सहायता मिलती है । अस्पतालों में कंप्यूटर की मदद से बीमारियों का पता लगाया जाता है । माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक अन्तर्रोपण से दृष्टिहीन व्यक्ति को दृष्टि मिल जाती है और बधिरों (जो सुन नहीं सकते) उन्हें सुनने की क्षमता आ जाती है ।

संत सूरदास जी ने लिखा था, “जा की कृपा पंगु गिरी लंघे , अंधे को सब कुछ दरसाई” अर्थात जिसकी कृपा से लंगड़ा पर्वतों को पार कर जाता है और अंधा देखने में सक्षम हो जाता है। सूरदास ने यह बात भगवान के लिए लिखी थी, परंतु क्या यही कार्य आज कंप्यूटर नहीं कर रहा है?

पुलिस कंप्यूटर की सहायता से अपराधियों को पकड़ लेती है। अपराध और दुर्घटनाओं के आंकड़े कंप्यूटर में सुरक्षित रखे जाते हैं और क्षण भर में उनका प्रयोग संभव है । फ़ाइलों में ऐसी जानकारी रखना और समय पर उसे निकालना कठिन है।

कंप्यूटर और औद्योगीकरण

स्व-चालित उद्योगों में, सामूहिक कार्यों के निपटने में कम्प्यूटर नियंत्रित रोबोट का भी प्रयोग किया जाता है । मौसम की सटीक भविष्यवाणी कंप्यूटरीकृत हिसाब – किताब से ही संभव हो सकी है । स्टूडियो रिकार्डिंग में कंप्यूटर परिष्कृत तथा अत्यधिक नियंत्रित ध्वनि पैदा करने में सहायक है ।

अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में सुपर कंप्यूटरों की भूमिका महत्वपूर्ण है । शिक्षा के क्षेत्र में कम्प्यूटरों के द्वारा भाषा शिक्षण का कार्य सरल एवं रोचक ढंग से किया जा सकता है । कंप्यूटरीकृत पुस्तकालयों में पुस्तकें खोजने के लिए समय नष्ट नहीं करना पड़ता है ।
सेना में अधिकारियों को कंप्यूटर की सहायता से ही निर्देश दिए जाते हैं। पुस्तकों को संशोधित एवं संपादित करने में भी कंप्यूटर की सहायता ली जा सकती है । वित्तीय संस्थानों में चौबीसों घंटे सेवा प्रदान करने वाली मशीनें कंप्यूटरीकृत होती है।
किसानों को मौसम सम्बन्धी सूचनाएँ कम्प्यूटर देता है तो दूसरी ओर बच्चों को वी.डी.ओ. खेलों का मनोरंजन भी कंप्यूटर ने ही दिया है। अनुसंधान तथा विकास के क्षेत्रों में गणितज्ञ परिगणना का काम कंप्यूटर की मदद से चुटकियों में कर लेते हैं तथा जटिल समीकरणों का समाधान आसानी से ढूँढ़ लेते हैं।

कंप्यूटर का इतिहास

कम्प्यूटर का इतिहास अत्यंत ही मनोरंजक है । 1614 में नेपियर ने लघुगणक का आविष्कार किया था। गणना के लिए जी छड़ों का प्रयोग किया गया था उनका नाम ‘ नेपियर बोन्स‘ है। लघुगणक के सिद्धांत पर काम करने वाला ‘स्लाइड रूल’ विलियम आउट्रेड नें 1620 में बनाया । दंतदार चक्कों वाली मशीन जिससे जोड़ और घटाव आसानी से हो जाता था, 1642 में पासकर ने बनाई ।

1671 में लाइबनीज़ ने गुणा एवं भाग में सक्षम मशीन बनाई । 1822 में चार्ल्स बैबेज ने पंच कार्ड पर आधारित ‘एनालिटिकल एंजन’ का मॉडल बनाया । गणन मशीन में क्रांतिकारी कदम 1946 में रखा गया जब इलेक्ट्रॉनिक्स कंप्यूटर ‘इनियाक’ का आविष्कार हुआ जिसके द्वारा 5000 जोड़ – घटाव एक सेकंड में किए जा सकते थे । डॉक्टर वॉन नयूमैन ने द्वि – आधारित पद्धति का प्रयोग करते हुए संचयित प्रोग्राम का उपयोग संभव बनाया ।

कम्प्यूटर का सॉफ्टवेयर एंड हार्डवेयर

कम्प्यूटर के क्षेत्र में दो प्रकार के पाठ्यक्रम होते हैं । पहला सॉफ्टवेयर और दूसरा हार्डवेयर । सॉफ्टवेयर बहु – प्रचलित पाठ्यक्रम है । यह पाठ्यक्रम कम्प्यूटर पर किए जाने वाले कार्यों से सम्बन्ध रखता है। हार्डवेयर कंप्यूटर मशीन के कल – पुर्जों व उसके रख-रखाव से सम्बन्ध रखता है। इसका प्रशिक्षण कुछ संस्थान देते हैं ।

सॉफ्टवेयर में प्रशिक्षण लेकर सिस्टम एनालिस्ट, प्रोग्रामर ,सॉफ्टवेयर एंजीनियर , डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर आदि बना जा सकता है। हार्डवेयर का प्रशिक्षण लेकर कम्प्यूटर हार्डवेयर एंजीनियर बना जा सकता है ।

कम्प्यूटर की भाषा

कम्प्यूटरों में उच्च स्तरीय तथा निम्न स्तरीय अनेक प्रकार की भाषाएँ प्रयुक्त होती है । प्रयोगशालाओं में प्रयुक्त होने वाले कंप्यूटर एनालाग कंप्यूटर कहलाते हैं जो एक प्रक्रिया को दुहराने का काम करते हैं। घरों , दफ्तरों और दुकानों में डिजिटल कंप्यूटर प्रयुक्त होते हैं ।

कम्प्यूटर के प्रकार

आजकल माइक्रो कंप्यूटर सर्वाधिक प्रयुक्त हो रहे हैं जो चार प्रकार के होते हैं ।

  • पर्सनल (व्यक्तिगत) कंप्यूटर
  • होम (घरेलू) कंप्यूटर
  • एजुकेशनल कंप्यूटर
  • इलेक्ट्रॉनिक डायरी या ब्रीफकेस कंप्यूटर

इनके अलावा मिनी कंप्यूटर तथा लैपटॉप कंप्यूटर भी विकसित हो चुके हैं। कंप्यूटरों में सुपर कंप्यूटर सर्वाधिक क्षमता वाला है । यह एक सेकंड में पाँच अरब गणनाएं कर सकता है । इसमें सूचनाओं का भंडार रखा जा सकता है ।

उपसंहार

कंप्यूटर के कारनामों से आज पूरा विश्व चकित है । नौवें दशक के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने भारत में कंप्यूटर का पदार्पण करवाया था । उस समय यह विवाद उठा था कि क्या इनसे भारत में बेकरी और अधिक नहीं बढ़ेगी ? क्या भारत में ऐसी तकनीक को लाने का कोई लाभ है ?

समय सभी प्रश्नों के उत्तर सहज में ही दे देता है । आज के समय में कंप्यूटर के उपयोग को देखकर कहा जा सकता है कि यह आधुनिक युग का सर्वशक्तिमान देवता है । इससे रूठ कर राष्ट्र आगे नहीं बढ़ सकता इसलिए इसकी शरण में जाना ही उचित है । विदेशी मुद्रा अर्जन का यह सशक्त माध्यम है ।

 


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