विचार/अभिमत
हमारी दृष्टि में पक्षियों को पालना बिल्कुल भी उचित नहीं है। पक्षी स्वच्छंद गगन में विचरण करने के लिए होते हैं। विशाल गगन में उन्मुक्त होकर विचरण करना ही उनका मूल स्वभाव होता है। उन्हें पिंजरे में कैद करके पक्षियों की स्वभाविकता इनकी स्वच्छंदता छीन लेते हैं। पक्षी जब तक स्वतंत्र हैं, उनमें चंचलता है। उनमें उनकी स्वभाविक वृत्ति है। जब वे पिंजरे में कैद हो जाते हैं तो उनकी स्वभाविक चंचलता खत्म हो जाती है। कैद में रहना कोई भी पसंद नहीं करता। कोई भी प्राणी चाहे वे पशु हो, मनुष्य हो या पक्षी हो कोई कैद में रहना पसंद नही करता। पक्षियों का तो स्वभाव ही दूर-दूर तक विचरण करने का होता है। इसलिए पक्षियों को पालना बिल्कुल भी उचित नहीं है। यदि पक्षियों को पालना भी है तो इस तरह पालना चाहिए के वह स्वतंत्र रह सकें। उन्हें पिंजरे में कैद करते पक्षियों को पालना बिल्कुल भी उचित नहीं है।
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