विभाजन के अनेक स्वरूपों में बँटी जनता को मिलाने में सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका साहित्य व कला की हो सकती है। रक्त संबंधों का अपना सीमित दायरा होता है, जबकि साहित्य एवं कला का दायरा बेहद विशाल है। इसलिए यह विभाजन के कारण बटी जनता को मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
कला का दायरा असीमित होता है। कला की कोई सीमा नहीं होती। कला को जहाँ अपने पंख पसारने का अवसर मिल जाएगा वह वहीं पर उड़ान भरने लगती है। इसीलिए साहित्य के माध्यम से भी लोगों के बीच के दिलों की दूरी को कम किया जा सकता है।
विभाजन के कारण बँटी जनता को मिलाने की प्रक्रिया एक संवेदनात्मक प्रक्रिया है। साहित्य और कला संवेदना से जुड़े हुए होते हैं इसलिए यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
विज्ञान इसमें बहुत अधिक महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभा सकता क्योंकि विज्ञान का संबंध संवेदना से नहीं तकनीक से होता है और इस तरह की समस्याओं को संवेदनात्मक ढंग से अधिक निपटा जा सकता है और ऐसा होता भी रहा है। इसी कारण भारत की हिंदी फिल्में पाकिस्तान में पाकिस्तान की फिल्मों से अधिक लोकप्रिय रही हैं। पाकिस्तान के कलाकार भारतीय फिल्में काम करते रहे हैं, गाने गाते रहे हैं। पाकिस्तान के अनेक खिलाड़ी मुख्यतः क्रिकेट खिलाड़ी भारत में भी लोकप्रिय हैं। ऐसे ही भारत के खिलाड़ी पाकिस्तान में लोकप्रिय हैं। इसी तरह पाकिस्तान मे रचित साहित्य भारत में पढ़ा जाता रहा है और भारत में रचित पाकिस्तान में।
इसलिए साहित्य एवं कला विभाजन के कारण बँटी जनता को मिलाने का सबसे सशक्त माध्यम है।
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नमक : रज़िया सज्जाद ज़हीर (कक्षा-12 पाठ-16) हिंदी आरोह 2