लेखिका ने विभाजन से उपजी विस्थापन की समस्या का चित्रण करते हुए सफिया व सिख बीवी के माध्यम से परोक्ष रूप से यह संकेत दिया है कि विवाह जैसी रीति के कारण स्त्री सबसे अधिक स्थापित होती है। इस बात से हम सहमत हैं। यह लगभग हर स्त्री के साथ होता है। जिस जगह वह जन्म लेती है, जिस घर में पली और बड़ी होती है, वह घर उसका जीवन भर का घर नहीं रह पाता। उसे कहीं ना कहीं दूसरे घर में विस्थापित होना पड़ता है। उसका वह दूसरा घर, जो उसकी ससुराल कहा जाता है, वह किसी दूसरे शहर या किसी दूसरे देश में हो सकता है। इस तरह स्त्री को अपने जीवन में विवाह के बाद सबसे अधिक विस्थापन से गुजरना पड़ता है।
कहानी में भी सिख बीवी को विवाह के कारण लाहौर से विस्थापित होकर दिल्ली आना पड़ा। वही सफिया को भी विवाह के कारण ही लाहौर से दिल्ली आना पड़ा और अपने परिवार से अलग होना पड़ा।
इसीलिए लेखिका का कहानी में यह कहना कि विवाह की रीति के कारण स्त्री के जीवन में सबसे अधिक विस्थापन का कारण बनती है, हम इस बात से पूरी तरह सहमत हैं।
हमारे पितृसत्तात्मक समाज में यह प्रक्रिया सदियों से चली आ रही है। शायद आगे इस प्रक्रिया में कोई बदलाव आए।