सफ़िया की मनःस्थिति को कहानी में एक विशिष्ट संदर्भ में अलग तरह से स्पष्ट किया गया है। अगर आप सफ़िया की जगह होते/होतीं तो क्या आपकी मनःस्थिति भी वैसी ही होती? स्पष्ट कीजिए।

सफिया की मनःस्थिति को कहानी में एक विशेष संदर्भ में जिस तरह से स्पष्ट किया गया है, यदि हम सफिया की जगह होते तो हमारी मनःस्थिति भी वैसी ही होती। सफिया ने जिस तरह के मानवीय गुणों का प्रदर्शन किया वह कोई भी सामान्य मानव के लिए प्रदर्शित करना स्वाभाविक था। सफिया को ना केवल अपना वादा निभाना था बल्कि अपने और सिख बीवी के प्रति आत्मीय संबंधों की लाज भी रखनी थी। ऐसी स्थिति में उसके इस कार्य में कानून अड़चन बन रहा था। उसके मन में भावना और बुद्धि का द्वंद्व चल रहा था। जहाँ भावना उसे किसी भी तरह लाहौरी नमक ले जाने के लिए प्रेरित कर रही थी वहीं बुद्धि यह कह रही थी कि कानून उसे इस तरह नमक ले जाने की इजाजत नहीं दे रहा। ऐसी स्थिति में साफिया ने व्यवहार कुशल होते हुए जिस तरह का हल निकाला हम भी साथ वैसा ही हल निकालने की चेष्टा करते। जब हम यह देखते कि कानूनी रूप से नमक ले जाना संभव नहीं है, तो हम संबंधित कानूनी अधिकारियों के सामने अपनी समस्या का मानवीय पक्ष रखते और उस आधार पर छूट पाने का प्रयत्न करते जैसा कि सफिया ने किया। इसलिए साफिया ने जैसा किया हम भी वैसा ही करते।


इस पाठ के अन्य प्रश्न :

नमक कहानी में हिंदुस्तान-पाकिस्तान में रहने वाले लोगों की भावनाओं, संवेदनाओं को उभारा गया है। वर्तमान संदर्भ में इन संवेदनाओं की स्थिति को तर्क सहित स्पष्ट कीजिए।

किसका वतन कहाँ है- वह जो कस्टम के इस तरफ़ है या उस तरफ़।


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नमक : रज़िया सज्जाद ज़हीर (कक्षा-12 पाठ-16) हिंदी आरोह 2

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