हमारी ज़मीन हमारे पानी का मज़ा ही कुछ और है!

हमारी ज़मीन हमारे पानी का मजा ही कुछ और है। यह कथन अमृतसर के कस्टम ऑफिसर ने सफिया से कहा था। अमृतसर का कस्टम ऑफिसर जो कि एक हिंदू था, वह भारत के विभाजन के बाद बांग्लादेश के ढाका से भारत चला आया था। उसकी जन्मभूमि तो ढाका थी, इसलिए उसका अपनी जन्म भूमि के प्रति लगाव बना रहा।

सफिया से बातचीत के सिलसिले में उसे सफिया का पाकिस्तान जाना पता चला तब उसे भी अपने जन्मभूमि ढाका की याद आ गई और उसने यह कथन कहकर अपनी जन्म भूमि के प्रति अपने मन के उदगार व्यक्त कर दिए थे।

यह बात सच है लोग जिस जगह पर जन्म लेते हैं, उससे उनका जिंदगी भर जुड़ाव बना रहता है। वे भले ही दूसरी किसी जगह पर क्यों ना चले जाएं लेकिन अपनी जन्मभूमि को कभी नहीं भूल पाते।


इस पाठ के अन्य प्रश्न :

मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह से गुज़र जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।

भावना के स्थान पर बुद्धि धीरे-धीरे उस पर हावी हो रही थी।


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नमक : रज़िया सज्जाद ज़हीर (कक्षा-12 पाठ-16) हिंदी आरोह 2

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