भावना के स्थान पर बुद्धि धीरे-धीरे उस पर हावी हो रही थी।

भावना के स्थान पर बुद्धि उस पर हावी हो रही थी, क्योंकि जब सफिया के भाई ने पाकिस्तान से भारत नमक की पुड़िया ले जाना कानूनन जुर्म बताया, तब उस समय उसे भाई पर बेहद गुस्सा आ गया और उसने भावना के आवेश में आकर मुहब्बत और इंसानियत आदि की दुहाई देकर भाई की सुनाया। लेकिन बाद में जब उसका गुस्सा ठंडा हुआ तब उसे एहसास हुआ कि पाकिस्तान से नमक ले जाना आसान कार्य नहीं। उसे लगने लगा कि उसका भाई सही कह रहा है। नमक ले जाना आसान नहीं है। अब उसकी भावना के ऊपर बुद्धि भारी पड़ने लगी थी और वह नमक ले जाने के उपाय पर गौर करने लगी। वह सोचने लगी कि कैसा तरीका अपनाया जाए जिससे वह लाहौरी नमक पाकिस्तान से भारत ले जा सके। उसने अपनी भावना को त्याग दिया था और वुद्धि का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था।


इस पाठ के अन्य प्रश्न :

क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं, कुछ मुहब्बत, मुरौवत, आदमियत, इंसानियत के नहीं होते?

नमक कहानी में भारत व पाक की जनता के आरोपित भेदभावों के बीच मुहब्बत का नमकीन स्वाद घुला हुआ है, कैसे?


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नमक : रज़िया सज्जाद ज़हीर (कक्षा-12 पाठ-16) हिंदी आरोह 2

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