क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं, कुछ मुहब्बत, मुरौवत, आदमियत, इंसानियत के नहीं होते?

क्या सब कानून हुकूमत कहीं होते हैं, कुछ मोहब्बत मुरवत, आदमियत, इंसानियत के नहीं होते, ऐसा साफिया ने अपने भाई से कहा। ऐसा उसने आवेश में आकर कहा। जब साफिया सिख बीवी के लिए भेंट-स्वरूप लाहौरी नमक ले जाना चाहती थी, तो साफिया के भाई ने मुझे मना करते हुए कहा कि पाकिस्तान से भारत नमक ले जाना कानूनी जुर्म है। तब साथिया को आवेश आ गया। वह बोली कानून बनाना हुकूमत का काम है, लेकिन कुछ बातें कानूनों से परे होती हैं। एक चुटकी भर नमक ले जाने से कोई ब्लैक मार्केटिंग नहीं हो जाएगी। वह कोई बहुत बड़ा जुर्म नहीं कर रही।

हर बात कानून के नजरिए से नहीं देखनी चाहिए। कुछ बातें मोहब्बत और इंसानियत के लिए भी रखनी चाहिए। यहाँ पर मोहब्बत, इंसानियत, भाईचारे का सवाल है। वह सिख बीवी को लाहौरी नमक प्रेम की सौगात के रूप में देना चाहती है और उसके इस काम में कानून अड़चन बना रहा है, इसीलिए सफिया ने आवेश में आकर ऐसी बात कही।


इस पाठ के अन्य प्रश्न :

नमक कहानी में भारत व पाक की जनता के आरोपित भेदभावों के बीच मुहब्बत का नमकीन स्वाद घुला हुआ है, कैसे?

मानचित्र पर एक लकीर खींच देने भर से ज़मीन और जनता बँट नहीं जाती है- उचित तर्कों व उदाहरणों के ज़रिये इसकी पुष्टि करें।


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नमक : रज़िया सज्जाद ज़हीर (कक्षा-12 पाठ-16) हिंदी आरोह 2

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