‘नमक’ कहानी में भारत व पाक की जनता के आरोपित भेदभाव के बीच मोहब्बत का नमकीन स्वाद इस प्रकार बना हुआ है कि कहानी के पात्रों के द्वारा ही यह बात स्पष्ट हो जाती है। सिख बीवी मूल रूप से लाहौर की रहने वाली थी और भारत के विभाजन के बाद दिल्ली आ गई, फिर भी उनका लाहौर के प्रति लगाव बना रहा। उसी तरह अमृतसर के कस्टम ऑफिसर ढाका के रहने वाले थे। लाहौर के कस्टम ऑफिसर दिल्ली के रहने वाले थे और उन दोनों का भी अपने-अपने जन्मभूमि से लगाव बना रहा। इसी तरह दोनों देशों में भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में ऐसे अनेक नागरिक हैं, जिन्हें अपनी मूल जगह छोड़कर जाना पड़ा था लेकिन आज भी उनका अपनी जमीन से जुड़ाव बना हुआ है। राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के नाम पर भले ही यह कहा जाता है कि भारत और पाकिस्तान एक दूसरे को पसंद नहीं करते, लेकिन यह केवल राजनीतिक के स्तर पर ही है। भारत और पाकिस्तान के आम नागरिक आज भी वैसे ही प्रेम एवं अपनत्व से मिलते हैं, जिस प्रकार वह संयुक्त भारत ने मिलकर रहते थे।
सफिया पाकिस्तान से भारत आ गई थी और भारत की नागरिक बन गई जबकि उसका भाई पाकिस्तान वहीं पाकिस्तान में रह गया, लेकिन इससे दोनों भाई बहनों के बीच स्नेह खत्म नहीं हुआ। उसी तरह सिख बीवी लाहौर से दिल्ली आने के बावजूद लाहौर से लगाव खत्म नहीं हुआ।
पाकिस्तान और भारत के कस्टम अधिकारियों अपनी-अपनी जन्मभूमि से लगाव खत्म नहीं हुआ। इस तरह ‘नमक’ कहानी के पात्र यह बात स्पष्ट कर देते हैं कि भारत और पाकिस्तान की जनता के बीच तनाव का जो आरोप लगाया जाता है, वह वास्तव में सच्चा नहीं है। भारत और पाकिस्तान के आम नागरिकों के बीच आज भी वैसी ही मोहब्बत है। दोनों देशों के नागरिक में आज भी आरोपित भेदभाव के बीच मोहब्बत का नमकीन स्वाद घुला हुआ है।