मानचित्र पर एक लकीर खींच देने भर से ज़मीन और जनता बँट नहीं जाती है- उचित तर्कों व उदाहरणों के ज़रिये इसकी पुष्टि करें।

मानचित्र पर एक लकीर खींच देने से जमीन और जनता नहीं बंट जाती। यह बात नमक कहानी में स्पष्ट रूप से सिद्ध हो रही है। भारत के विभाजन के बाद भारत तीन हिस्सों भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में भले ही बंट गया हो, लेकिन इन तीनों देशों के नागरिक दिली रूप से अपने मूल जन्म स्थान से जुड़े हुए थे।
भारत के विभाजन के बाद भारत से पाकिस्तान और बांग्लादेश अथवा बांग्लादेश और पाकिस्तान से भारत कई लोगों को जाना पड़ा था। इस कारण उन्हें अपनी जन्मभूमि से बिछड़ना पड़ा।अपनी जन्मभूमि के प्रति उनका लगाव जीवन भर बना रहा।

सिख बीवी मूल रूप से लाहौर की रहने वाली थी लेकिन भारत के विभाजन के बाद उन्हें दिल्ली आना पड़ा। उसी प्रकार अमृतसर के कस्टम ऑफिसर ढाका के रहने वाले थे, जो भारत के विभाजन के बाद ढाका से भारत आ गए। लाहौर के कस्टमर देहली के रहने वाले थे जो भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गए। यह लोग भले ही अपनी मूल जन्मभूमि से बिछड़ गए लेकिन उनका अपनी जन्म भूमि के प्रति लगाव बना रहा।
इसी तरह इन कई जगहों के ऐसे अनेक नागरिक और हैं जो आज भी अपने जन्म भूमि को याद करते हैं।
राजनीतिक और कूटनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव हो, लेकिन देश के नागरिक भी एक दूसरे से मिलते हैं और आते जाते रहते हैं। जो कभी भारत के नागरिक थे और पाकिस्तान जाकर बस गए या जो कभी पाकिस्तान  के नागरिक थे और विभाजन के बाद वे आज भी अपनी जन्म भूमि को याद करते हैं।

आज भी भारत और पाकिस्तान के आम नागरिक एक दूसरे से मिलते जुलते रहते हैं और अपने मूल जन्म स्थान कि और आते जाते रहते हैं। उनका अपने मूल जन्मभूमि से लगाव बना रहता है। मानचित्र पर एक खींची गई एक लकीर भी उनके दिलों में लकीर नहीं खींच पाए, यह बात स्पष्ट हो जाती है।


इस पाठ के अन्य प्रश्न :

नमक ले जाने के बारे में सफ़िया के मन में उठे द्वंद्वों के आधार पर उसकी चारित्रिक विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।

लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा या मेरा वतन ढाका है जैसे उद्गार किस सामाजिक यथार्थ का संकेत करते हैं।


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नमक : रज़िया सज्जाद ज़हीर (कक्षा-12 पाठ-16) हिंदी आरोह 2

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