नमक ले जाने के बारे में सफ़िया के मन में उठे द्वंद्वों के आधार पर उसकी चारित्रिक विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।

नमक ले जाने के बारे में सफिया के मन में उठे बंधुओं के आधार पर उसकी निम्नलिखित चारित्रिक विशेषताओं का पता चलता है।

एक ईमानदार स्त्री : साफिया में एक ईमानदार स्त्री के दर्शन होते हैं, क्योंकि पहले तो वह चोरी छुपे नमक ले जाने का विचार करती है लेकिन फिर उसका जमीर उसे इस बात के लिए इजाजत नहीं देता। वह सोचती है कि जो नमक वह प्रेम के प्रतीक के रूप में सिख बीवी को भेंट स्वरूप लेकर जा रही है, उस प्रेम भरी सौगात को वह चोरी छुपे किसी जुर्म के तौर पर नहीं ले जाना सकती। इसलिए वह चोरी छुपे नमक ना ले जाकर उसके बारे में कस्टम अफसर को बता देती है।

वायद पर अटल : सफिया अपने वादे पर अटल स्त्री है। उसने सिख बीवी को वायदा किया था कि वह उन्हें लाहौर से लाहौरी नमक लाकर देगी। इसलिए कानूनी रूप से नमक ना ले जाने की कानूनी अड़चनों के बावजूद पूरा करती है, क्योंकि उसे अपना वादा निभाना था।

संवेदनशीलता : सफिया में पूरी संवेदनशीलता है और वह रिश्तों को संवेदनशीलता को समझती थी और रिश्तों को निभाना जानती है।

एक जिम्मेदार नागरिक : सफिया को नमक पाकिस्तान से भारत नमक ले जाना गैरकानूनी था। इसलिए सफिया किसी भी तरह का कानून नहीं तोड़ना चाहती थी। नमक ले जाना भी जरूरी था इसीलिए उसने कानून का सम्मान करते हुए नमक की पुड़िया कस्टम ऑफिसर को दिखाकर एक जिम्मेदार नागरिक का फर्ज अदा किया। वह चाहती तो नमक की पुड़िया किसी ना किसी तरह चोरी छुपे ले जा सकती थी। इस तरह उसके मन में कानून के प्रति सम्मान भी है।


इस पाठ के अन्य प्रश्न :

लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा या मेरा वतन ढाका है जैसे उद्गार किस सामाजिक यथार्थ का संकेत करते हैं।

जब सफ़िया अमृतसर पुल पर चढ़ रही थी तो कस्टम ऑफ़िसर निचली सीढ़ी के पास सिर झुकाए चुपचाप क्यों खड़े थे?


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नमक : रज़िया सज्जाद ज़हीर (कक्षा-12 पाठ-16) हिंदी आरोह 2

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