…….. तो चेहरा चार्ली-चार्ली हो जाता है। वाक्य में चार्ली शब्द की पुनरुक्ति से किस प्रकार की अर्थ-छटा प्रकट होती है? इसी प्रकार के पुनरुक्त शब्दों का प्रयोग करते हुए कोई तीन वाक्य बनाइए। यह भी बताइए कि संज्ञा किन स्थितियों में विशेषण के रूप में प्रयुक्त होने लगती है?

पुनरुक्ति शब्दों का प्रयोग करते हुए 3 वाक्य इस प्रकार हैं

तू डाल-डाल मैं पात-पात : रामेश्वर जितना अधिक चालाक है, उसका बेटा हरीश उससे भी अधिक चालाक है। पिता डाल-डाल तो देता पात-पात।

शर्म से पानी-पानी होना : जैसे ही मलकिन ने नौकरानी को रसोई से चोरी छुपे घी चुराते हुए पकड़ा, नौकरानी शर्म से पानी-पानी हो गई।

हरा-हरा दिखाई देना : रमेश की सारी दौलत खत्म हो गई लेकिन दौलत की हेकड़ी नही गई। उसे अभी भी सब कुछ हरा-हरा दिखाई देता है।

संज्ञा विशेषण के रूप में तब प्रयुक्त होने लगती है, जब बस संज्ञा ना होकर विशेषण के जैसा भाव प्रकट करती है और जो बात कही जाती है, उसमें वह विशेषण की तरह दिखाई देती है। तब वह विशेषण के रूप में प्रयुक्त होने लगती है।

संदर्भ पाठ :

चार्ली चैप्लिन यानि हम सब : विष्णु खरे (कक्षा-12 पाठ-15 हिंदी अंतरा भाग 2)

 


इस पाठ के अन्य प्रश्न..

आजकल विवाह आदि उत्सव, समारोहों एवं रेस्तराँ में आज भी चार्ली चैप्लिन का रूप धरे किसी व्यक्ति से आप अवश्य टकराए होंगे। सोचकर बताइए कि बाज़ार ने चार्ली चैप्लिन का कैसा उपयोग किया है?

भारतीय सिनेमा और विज्ञापनों ने चार्ली की छवि का किन-किन रूपों में उपयोग किया है? कुछ फ़िल्में (जैसे आवारा, श्री 420, मेरा नाम जोकर, मिस्टर इंडिया और विज्ञापनों (जैसी चैरी ब्लॉकसम)) को गौर से देखिए और कक्षा में चर्चा कीजिए।

 


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चार्ली चैप्लिन यानि हम सब : विष्णु खरे (कक्षा-12 पाठ-15) हिंदी आरोह 2

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