आजकल विवाह आदि उत्सव, समारोहों एवं रेस्तराँ में आज भी चार्ली चैप्लिन का रूप धरे किसी व्यक्ति से आप अवश्य टकराए होंगे। सोचकर बताइए कि बाज़ार ने चार्ली चैप्लिन का कैसा उपयोग किया है?

आजकल विवाह आदि उत्सव समारोह एवं रेस्तराँ, शॉपिंग मॉल आदि में चार्ली चैप्लिन जैसे रूप धरे व्यक्ति आमतौर पर देखने को मिल जाते हैं। बाजार ने चार्ली चैप्लिन के व्यक्तित्व का भरपूर उपयोग किया है। चार्ली चैप्लिन अब एक विदूषक एवं खुशी पैदा करने वाले व्यक्तित्व का प्रतीक बन गया है। यह बच्चों के मनोरंजन का भी प्रतीक है।

हमारे आसपास के शॉपिंग मॉल, रेस्तरां तथा तरह-तरह के उत्सव समारोह आदि में ऐसा व्यक्तित्व का रूप धरे व्यक्ति अक्सर मिल जाएंगे जो वहाँ के लोगों का विशेषकर बच्चों का मनोरंजन करते हैं।

चार्ली चैपलिन जैसे रूप धरे व्यक्ति केवल खुशी के उत्सव वाले वातावरण वाली जगहों पर ही दिखाई देते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि बाजार ने चार्ली चैपलिन का उपयोग खुशी के प्रतीक के रूप में किया है।
चार्ली चैप्लिन ने भी स्वयं के दुखों एवं विषादों को अपने अंदर दबाते हुए लोगों को हंसाने की चेष्टा की थी। बाजार भी इसी तरह चार्ली चैप्लिन के रूप द्वारा लोगों को हँसाने की चर्चा कर रहा है। बाजार ने इसका कुछ हद तक सार्थक उपयोग किया है।

संदर्भ पाठ :

चार्ली चैप्लिन यानि हम सब : विष्णु खरे (कक्षा-12 पाठ-15 हिंदी अंतरा भाग 2)


 

इस पाठ के अन्य प्रश्न..

भारतीय सिनेमा और विज्ञापनों ने चार्ली की छवि का किन-किन रूपों में उपयोग किया है? कुछ फ़िल्में (जैसे आवारा, श्री 420, मेरा नाम जोकर, मिस्टर इंडिया और विज्ञापनों (जैसी चैरी ब्लॉकसम)) को गौर से देखिए और कक्षा में चर्चा कीजिए।

चार्ली हमारी वास्तिवकता है, जबकि सुपरमैन स्वप्न आप इन दोनों में खुद को कहाँ पाते हैं?

 


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चार्ली चैप्लिन यानि हम सब : विष्णु खरे (कक्षा-12 पाठ-15) हिंदी आरोह 2

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