चार्ली हमारी वास्तिवकता है, जबकि सुपरमैन स्वप्न आप इन दोनों में खुद को कहाँ पाते हैं?

चार्ली हमारी वास्तविकता है, जबकि सुपरमैन स्वप्न, इन दोनों में हम खुद को चार्ली के निकट पाते हैं, क्योंकि हम जानते हैं कि चार्ली वास्तविक है, जबकि सुपरमैन काल्पनिक है। सुपरमैन जो हैरतअंगेज कारनामे करता है, वह यदि हम करना चाहे तो भी हम वास्तविक रूप से नहीं कर सकते, जबकि चार्ली के द्वारा किए गए कृत्य वास्तविक जीवन की यथार्थता से भरे होते हैं। हम चार्ली जैसे कृत्य करना चाहे तो कर सकते हैं।

चार्ली के जीवन में करुणा एवं त्रासदी आदि सभी का घालमेल चलता रहता है। चार्ली कभी हँसता है तो कभी रोता है। यह सभी मानवीय गुण हर किसी के जीवन में होते हैं। यदि हम चार्ली जैसा बनना चाहे तो थोड़े से प्रयासों से बन सकते हैं, बल्कि चार्ली जैसे विसंगतियां हर किसी के जीवन में होती ही हैं।

सुपरमैन केवल हैरतअंगेज कारनामे करने वाला एक काल्पनिक पात्र है, जिसके कारनामों में अतिशयोक्ति है। उसका वास्तविक जीवन से कोई लेना-देना नहीं है। यदि हम सुपरमैन जैसा बनना भी चाहे तो नहीं बन सकते। वह केवल टीवी या फिल्म में देखने में या कॉमिक्स में पढ़ने में ही अच्छा लगता है। हम वैसा बन नहीं सकते। इसीलिए हम स्वयं को चार्ली के अधिक निकट पाते हैं।

संदर्भ पाठ :

चार्ली चैप्लिन यानि हम सब : विष्णु खरे (कक्षा-12 पाठ-15 हिंदी अंतरा भाग 2)


 

इस पाठ के अन्य प्रश्न..

आपके विचार से मूक और सवाक् फ़िल्मों में से किसमें ज़्यादा परिश्रम करने की आवश्यकता है और क्यों?

सामान्यतः व्यक्ति अपने ऊपर नहीं हँसते, दूसरों पर हँसते हैं। कक्षा में ऐसी घटनाओं का ज़िक्र कीजिए जब- (क) आप अपने ऊपर हँसे हों; (ख) हास्य करुणा में या करुणा हास्य में बदल गई हो।

 


इस पाठ के सारे प्रश्न-उत्तर के लिए इस लिंक पर क्लिक करें

चार्ली चैप्लिन यानि हम सब : विष्णु खरे (कक्षा-12 पाठ-15) हिंदी आरोह 2

Leave a Comment