लेखक ने चार्ली का भारतीयकरण किसे कहा और क्यों? गांधी और नेहरू ने भी उनका सान्निध्य क्यों चाहा?

लेखक ने चार्ली का भारतीयकरण राज कपूर को कहा है। राज कपूर एक ऐसे अभिनेता थे,जिनके अभिनय में चार्ली चैप्लिन की झलक दिखाई देती थी। इसीलिए लेखक ने चार्ली का भारतीयकरण हिंदी फिल्मों के अभिनेता राज कपूर को कहा है। राज कपूर ने भी चार्ली चैपलिन के नकल उतारने की कभी परवाह नहीं की और अपनी फिल्मों में चार्ली चैप्लिन का ही प्रतिबिंब प्रस्तुत किया था। उन्होंने चार्ली चैप्लिन की फिल्मों से ही प्रभावित होकर आवारा, मेरा नाम जोकर जैसी फिल्में बनाई थीं। आवारा फिल्म चार्ली चैपलिन की ही ‘दि ट्रैम्प’ फिल्म भारतीयकरण थी।

गांधी और नेहरू ऐसे अभिनेता थे, जो सबको हंसाते थे सबके मन को प्रसन्न रखे थे। वह मिलनसार अभिनेता थे और उनका हर कोई चाहता था। उस समय गांधी और नेहरू जैसे व्यक्तित्व भी उनका सानिध्य चाहते थे क्योंकि उनके व्यक्तित्व में एक अनोखा सम्मोहन और आकर्षण जो सबको खुश रखता था, इसीलिए गांधी और नेहरू जैसे लोग भी उनका सानिध्य चाहते थे।

संदर्भ पाठ :

चार्ली चैप्लिन यानि हम सब : विष्णु खरे (कक्षा-12 पाठ-15 हिंदी अंतरा भाग 2)


इस पाठ के अन्य प्रश्न..

लेखक ने ऐसा क्यों कहा कि चार्ली चैप्लिन पर करीब 50 वर्षों तक काफी कुछ कहा जाएगा ?

चैप्लिन ने न सिर्फ़ फ़िल्म-कला को लोकतांत्रिक बनाया बल्कि दर्शकों की वर्ग तथा वर्ण-व्यवस्था को तोड़ा। इस पंक्ति में लोकतांत्रिक बनाने का और वर्ण-व्यवस्था तोड़ने का क्या अभिप्राय है? क्या आप इससे सहमत हैं?

 

 

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चार्ली चैप्लिन यानि हम सब : विष्णु खरे (कक्षा-12 पाठ-15) हिंदी आरोह 2

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