संवाद
दो मित्रों के बीच परीक्षा पत्र को लेकर संवाद
(माना कि मित्रों के नाम अजय और विजय हैं।)
अजय : विजय, तुम्हारा आज का गणित का प्रश्न पत्र कैसा रहा।
विजय : मेरा प्रश्न पत्र बहुत बेकार गया। मैं केवल आधे सवाल की हल कर पाया। सारे सवाल बेहद कठिन थे।
अजय : हाँ, सवाल सच में बहुत कठिन थे। हम जैसी तैयारी करके गए थे, उसके अनुरूप सवाल नहीं आए। लेकिन मेरा प्रश्नपत्र इतना बेकार नहीं गया। जो-जो सवाल प्रश्नपत्र में पूछे गए थे उनमें से लगभग 75% सवाल मुझे आते थे, इसलिए मेरा प्रश्नपत्र तुम्हारी अपेक्षा ठीक गया। हाँ, ये बात अलग है, कि जैसी मुझे उम्मीद थी, वैसा अच्छा पेपर नहीं हुआ।
विजय : मेरा तो दिमाग खराब हो रहा है। मेरा तो प्रश्न पत्र एकदम खराब हो गया। मुझे लगता है, मुझे केवल पासिंग मार्क्स ही मिलेंगे।
अजय : तुम घबराओ मत। तुम्हारे ठीक-ठाक मार्क्स आ जाएंगे। प्रश्न पत्र कठिन था, लेकिन बहुत अधिक कठिन नहीं था। तुमने शायद अच्छे से तैयारी नहीं की थी।
विजय : हाँ, मैं गणित की अच्छे से तैयारी भी नहीं कर पाए। पिछले कुछ दिनों से मैं बीमार चल रहा था। इस वजह से मैं सही से पढ़ाई नहीं कर पाया था। आज पहल पेपर ही गणित का था वो खराब हो गया।
अजय : अच्छा, कोई बात नहीं। अब तुम जो हो गया सो हो गया। उस बात को लेकर चिंता करने से कोई फायदा नहीं। अब तुम अगले प्रश्न पत्र की तैयारी अच्छे से करो। तुम्हारी मदद के लिए मैं तैयार हूँ। तुम मेरे घर आ जाना। साथ मिलकर दोनों पढ़ाई करेंगे।
विजय : हाँ, ऐसा ही करेंगे। मैं शाम को 4 बजे तुम्हारे घर आता हूँ।
अजय : ठीक है।
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