विचार/अभिव्यक्ति
मनुष्य को सुंदर प्रकृति का आनंद उठाना चाहिए
मनुष्य को सुंदर प्रकृति का आनंद उठाना चाहिए। क्योंकि मनुष्य स्वाभाविक रूप से एक प्राकृतिक प्राणी है। भले ही मनुष्य विकास की दौड़ में शामिल होकर स्वयं को कृत्रिमता में समेट लिया है, लेकिन उसका मूल स्वभाव प्राकृतिक ही है। मनुष्य प्रकृति के जितने अधिक निकट होगा वह अपना जीवन उतना ही सरल एवं सहज व्यतीत कर पाएगा। प्रकृति से मुंह मोड़ कर मनुष्य अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करता है। यदि मनुष्य को अपने तन-मन को दुरुस्त रखना है तो उसे प्रकृति से अधिक से अधिक जुड़ना होगा और इस सुंदर प्रकृति का सरल एवं सहज आनंद उठाना होगा।
प्रकृति से विमुख होकर मनुष्य अपने जीवन में तनाव को ही आमंत्रित करेगा तथा अपनी जीवन शैली को अस्वास्थ्यकर बनाएगा। प्रकृति से विमुख रहकर वह स्वस्थ नहीं रह सकता। प्रकृति के साथ उचित सामंजस्य बिठाकर ही अपने जीवन को निरोगी बनाया जा सकता है।
इसलिए मनुष्य को सुंदर प्रकृति का आनंद उठाना चाहिए तथा प्रकृति के साथ अधिक से अधिक निकटता बनाए रखनी चाहिए।
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