चिट्ठी और टेलीफ़ोन की उदासी का क्या कारण था?

चिट्ठी और टेलीफोन की उदासी का कारण यह था कि अब लोगों ने उन्हें भुला दिया है। जहाँ एक समय चिट्ठी और टेलीफोन लोगों के प्रिय थे और अपने प्रियजनों तक संदेश भेजने के लिए सबसे अधिक प्रयोग किए जाते थे, वहीं आज के तकनीकी युग में चिट्ठी और टेलीफोन को लोग भुला बैठे हैं। चिट्ठी और टेलीफोन इसी कारण दुखी हैं कि अब लोग उन्हें पहले की तरह याद नहीं करते और वह एक कोने में उपेक्षित से पड़ें है।

अब चिट्टी की जगह ई-मेल और मैसेंजिंग एप्स ने ले ली है, तो वहीं टेलीफोन की जगह मोबाइल ने ले ली है। इसीलिए टेलीफोन घर के कोने में उपेक्षित पड़ा है और चिट्ठी का जो लोग यदा-कदा ही करते है।

लोगों द्वारा स्वयं को उपेक्षित पाए जाने के कारण ही चिट्ठी और टेलीफोन दोनों उदास है। वह अपने बीते हुए पुराने दिनों को याद करते रहते हैं, जब उनका ही राज था और वह लोगों के प्रिय थे, लेकिन अब सब की उपेक्षा का शिकार हैं।


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