द्वंद्वातीत का संधि विच्छेद कीजिए।

द्वंद्वातीत का संधि विच्छेद इस प्रकार होगा :

द्वंद्वातीत : द्वंद्व + अतीत

संधि का भेद : दीर्घ स्वर संधि

इस संधि में दीर्घ संधि का नियम

जब प्रथम शब्द के अंतिम वर्ण का स्वर ‘अ’ और द्वितीय शब्द के प्रथम वर्ण स्वर ‘अ’ का मेल होता है तो ‘आ’ बनता है।

संधि क्या है?

संधि से तात्पर्य दो शब्दों के संयोजन से मिलाकर बनाए गए-नए शब्द से होता है। संधि की प्रक्रिया में प्रथम शब्द का अंतिम वर्ण और द्वितीय शब्द का प्रथम वर्ण महत्वपूर्ण होता है और संधि की प्रक्रिया में इन दोनों वर्णो के रूप में ही परिवर्तन होता है और इन्हीं दोनों वर्णों का संयोजन होकर दोनों शब्द मिलते हैं और एक नया शब्द बनता है।  सरल शब्दों में कहीं तो संधि दो शब्दों का मेल है ।

संधि के तीन भेद होते हैं।

  • व्यंजन संधि
  • स्वर संधि
  • विसर्ग संधि

स्वर संधि के छः उपभेद होते हैं।

  • दीर्घ संधि
  • गुण संधि
  • यण संधि
  • वृद्धि संधि
  • अयादि संधि

ये भी देखें

वियना की संधि क्या थी ?

आदि + अन्त ​ की संधि और संधि का नाम लिखिए।

निम्नलिखित का संधि विच्छेद कीजिए − (क) चित्रांकन (ख) सर्वोत्कृष्ट (ग) चर्मोत्कर्ष (घ) रूपांतरण (ङ) घनानंद

महर्षि का संधि विग्रह कीजिए​।

दिग्ग्ज शब्द का संधि विच्छेद

Leave a Comment