काल और काल के भेद : हिंदी व्याकरण में ‘काल’ का बेहद महत्व होता है, जो वाक्य में समय का बोध कराता है। आज हम हिंदी व्याकरण में काल के बारे में जानेंगे। काल की परिभाषा जानेंगे और काल के भेद जानेंगे तथा सभी कालों के उपभेद जानेंगे ।
काल और काल के भेद
काल की परिभाषा
‘काल‘ से तात्पर्य किसी वाक्य में क्रिया या कार्य करने के समय से होता है अर्थात किसी वाक्य में क्रिया के जिस रुप से हमें कार्य के समय का बोध होता हो, उसे ‘काल‘ कहा जाता है।
यह काल ‘वर्तमान काल’ ‘भूतकाल’ अथवा ‘भविष्यत काल’ हो सकता है।
सरल अर्थो मे कहें तो क्रिया करने के समय का बोध कराने वाले तत्वों को ‘काल‘ कहा जाता है।
काल के उदाहरण :
- माँ रसोई घर में खाना बना रही हैं।
- माँ रसोई घर में खाना बना रही थीं।
- माँ रसोई घर में खाना बनाएंगी।
तीनों वाक्यों से काल के अलग-अलग समय का बोध हो रहा है, यही काल की सही पहचान है।
काल के भेद
काल के तीन भेद होते हैं, जो कि इस प्रकार हैंं।
- वर्तमान काल
- भूतकाल
- भविष्यत काल
वर्तमान काल
‘वर्तमान काल‘ की परिभाषा के अनुसार किसी वाक्य में क्रिया के जिस रुप से यह पता चले कि कार्य तत्कालीन समय में हो रहा है अर्थात वर्तमान समय में हो रहा है, अथवा हुआ है, तो वह ‘वर्तमान काल’ कहलायेगा।
वर्तमान काल के उदाहरण
- सतीश विद्यालय जा रहा है।
- राम और श्याम बातें कर रहे हैं।
- मोहिनी गाना गाती है।
- राधा नाचती है।
इन वाक्यों से क्रिया के वर्तमान समय में होने का बोध हो रहा है, जो कि तत्कालीन समय है, इसलिए यह वर्तमान काल हुआ।
वर्तमान काल की मुख्य पहचान यह है कि क्रिया के अंत में ‘ता’, ‘ती’ होते हैं, अथवा है, हूँ आदि वर्ण आते हैं।
वर्तमान काल के छः उपभेद होते हैं :
- सामान्य वर्तमानकाल
- पूर्ण वर्तमानकाल
- अपूर्ण वर्तमानकाल
- संदिग्ध वर्तमानकाल
- तात्कालिक वर्तमानकाल
- संभाव्य वर्तमानकाल
भूतकाल
‘भूतकाल’ की परिभाषा के अनुसार क्रिया के जिस रुप से हमें किसी वाक्य में बीते हुए समय का बोध होता है अर्थात कार्य संपन्न हो चुका होता है, तो उसे ‘भूतकाल‘ कहा जाता है।
सरल शब्दों में समझें तो भूतकाल से यह स्पष्ट होता है कि कार्य अभी चल नहीं रहा है, बल्कि समाप्त हो चुका है।
भूतकाल के उदाहरण
- रमेश विद्यालय जा चुका था।
- मैंने खाना खा लिया था।
- बच्चे मैदान में खेल रहे थे।
- राजू बाजार से कपड़े लाया।
- मैं अभी सो कर उठा हूँ।
भूतकाल की मुख्य पहचान ये हैं कि भूतकाल में ‘था’, ‘थी’, ‘थे’, ‘रहा था’, ‘रही थी, ‘रहे थे’, ‘चुका था’, ‘चुकी थी’, ‘चुके थे’ आदि क्रिया शब्दों का प्रयोग होता है।
भूतकाल के भी छः उपभेद होते हैं, जोकि इस प्रकार हैं :
- सामान्य भूतकाल
- पूर्ण भूतकाल
- अपूर्ण भूतकाल
- आसन्न भूतकाल
- संदिग्ध भूतकाल
- हेतुहेतुमद भूतकाल
भविष्यत काल
‘भविष्यत काल‘ से तात्पर्य क्रिया के उस रूप से होता है, जिसमें क्रिया ना ही संपन्न हुई होती है और ना ही संपन्न हो रही होती है, बल्कि क्रिया आने वाले समय में संपन्न होने वाली होती है।
सरल शब्दों में कहें तो क्रिया के जिस रुप से हमें आगे आने वाले समय में कार्य किए जाने का बोध होता है, वह ‘भविष्यत काल‘ कहलाता है, यानी कार्य अभी संपन्न नहीं हुआ है, बल्कि होने वाला है।
भविष्य काल के उदाहरण
- हम लोग कल पिकनिक पर जाएंगे।
- बड़े भइया कल मेरे लिए कल कपड़े लायेंगे।
- बहुत अच्छी मूवी लगी है, हम लोग देखने जाएंगे।
- ऐसा लगता है कि शाम को वर्षा होगी।
- यदि तुम हाँ करो तो हम लोग साथ-साथ चलेंगे।
- शोर मत मचाओ नही तो पिताजी जग जायेंगे।
राजू इन सभी वाक्यों से कार्य के भविष्य में यानि आने वाले समय में संपन्न होने का बोध हो रहा है, अर्थात कार्य अभी हुआ नहीं है, बल्कि होने वाला है इसलिये ये ‘भविष्यतकाल’ होगा।
भविष्यतकाल में ‘होगा’, ‘होगी’, ‘होंगे’, ‘रहा होगा’, ‘रही होगी’, ‘रहे होंगे’ जैसे क्रिया शब्दों का प्रयोग होता है।
भविष्यतकाल के तीन उपभेद होते हैं।
- सामान्य भविष्यतकाल
- संभाव्य भविष्यतकाल
- हेतुहेतुमद् भविष्यतकाल
इसे भी जानें
सभा हो रही होगी। वाक्य में काल बताइए।
वह उछली और छलाँगें लगाती निकल गई in present tense (वर्तमान काल) में बदलिए।