टी. वी. सीरियलों के माध्यम से अंधविश्वासों और रूढ़ियों के प्रचार-प्रसार पर चिंता व्यक्त करते हुए किसी समाचार- पत्र के संपादक को पत्र लिखिए और इसके समाधान के दो उपाय भी बताइए।​

औपचारिक पत्र

संपादक को पत्र

 

दिनाँक : 10 मार्च 2023

सेवा में,
श्रीमान संपादक महोदय,
नया भारत टाइम्स,
नई दिल्ली

संपादक महोदय,

मैं बृजेश सिंह आपके समाचार पत्र का नियमित पाठक हूँ। मुझे आपके समाचार पत्र की शैली बहुत अच्छी लगती है। मैं आपके समाचार पत्र के माध्यम से आज हमारे एक गंभीर समस्या की ओर ध्यान दिलाना चाहूंगा।

आजकल देखने में आ रहा है कि हमारे टीवी चैनलों पर ऐसे सीरियलों की भरमार हो गई है, जिनमें अंधविश्वास और रूढ़ियों का प्रचार-प्रसार जोर-शोर से किया जाता है। इससे समाज में अंधविश्वास और रूढ़ियों को बढ़ावा मिल रहा है। यह हमारे समाज के लिए अच्छा नहीं है।

हमारे समाज-सुधारकों ने पूर्व में अपने प्रयासों से समाज को जागरूक किया है और समाज अंधविश्वासों तथा रुढ़ियों से मुक्ति दिलाने के लिए अनेक प्रयास किए हैं। लेकिन इन टीवी सीरियलों के माध्यम से पुनः अंधविश्वास और रुढ़ियों का प्रचार-प्रसार करके जनता को पुनः उसी दलदल में धकेलने का प्रयास किया जा रहा है। यह बात देख कर बड़ी चिंता और दुख होता है।

मेरा मत है कि सरकार तथा सभी जिम्मेदार लोगों को इस बारे में उचित कदम उठाना चाहिए। ऐसे सभी सीरियल प्रसारण अंकुश लगाना चाहिए जो समाज में अंधविश्वास आदि को बढ़ावा देते हैं। इसके अतिरिक्त विज्ञान तथा आधुनिक विषयों से संबंधित चीजों को अधिक से अधिक बढ़ावा देना चाहिए ताकि दर्शक का ध्यान ऐसे सीरियलों की ओर ना जाए।
मुझे आशा है इस संबंध में आगे कुछ ना कुछ पहल अवश्य होगी।

एक पाठक,
ब्रजेश सिंह,
सरस्वती विहार,
दिल्ली


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