निम्नलिखित समस्त पदों में विग्रह करके समास का नाम लिखिए- समस्त पद विग्रह (क) कमलनयन (ख) रातोंरात (ग) चक्रधर (घ) तुलसीकृत (ङ) यथाशक्ति।

दिए गए सभी समस्त पद का विग्रह इस प्रकार होगा :

(क) कमलनयन : कमल के समान नयन
समास भेद : कर्मधारण्य समास
कारण : कर्मधारण्य में प्रथम पद एक विशेषण का कार्य करता है। यहाँ पर नयन अर्थात आँखों को कमल का विशेषण दिया जा रहा है।

(ख) रातोंरात : रात ही रात में
समास भेद : अव्यवीभाव समास
कारण : अव्यवीभाव समास में प्रथम पद एक अव्यय होता है, जोकि प्रधान पद होता है।

(ग) चक्रधर : चक्र को धारण करने वाले अर्थात भगवान श्रीकृष्ण
समास भेद : बहुव्रीहि समास
कारण : बहुव्रीहि समास में दोनो पद किसी तीसरे पद की ओर संकेत करते हैं। दोनो पदों के अर्थ से एक नए पद की उत्पत्ति होती है।

(घ) तुलसीकृत : तुलसी द्वारा कृत (तुलसी द्वारा रचित)
समास भेद : तत्पुरुष समास
कारण : तत्पुरुष समास में दूसरा पद प्रधान होता है। यहाँ पर दूसरा पद प्रधान है।

(ङ) यथाशक्ति : शक्ति के अनुसार
समास भेद : अव्यवीभाव समास
कारण : अव्यवीभाव समास में प्रथम पद प्रधान होता है। जोकि एक अव्यय का कार्य करता है।

 


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