‘बाल कल्पना कैसे पाले’ में ‘उपमा अलंकार’ है।
जाने क्यों
‘बाल कल्पना के से पाले’ में ‘उपमा अलंकार’ इसलिए है क्योंकि यहां पर पाले की तुलना बाल कल्पना से की गई है। पाले को बाल कल्पना की उपमा दी गई है।
उपमा अलंकार में दो समान वस्तुओं की आपस में तुलना की जाती है। किसी एक व्यक्ति अथवा वस्तु की तुलना दूसरी किसी प्रसिद्ध व्यक्ति अथवा वस्तु से की जाए तथा दोनों वस्तुओं या व्यक्ति आदि में समानता का भाव दर्शाया जाए तो वहाँ पर उपमा अलंकार होता है। उपमा अलंकार में दो भिन्न व्यक्ति अथवा वस्तुओं के गुणों, आकृति आदि में समानता का भाव दर्शाया जाता है। इसलिए इन पंक्तियों में उपमा अलंकार है।
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