मुअनजो-दड़ो की सभ्यता को लो-प्रोफाइल सभ्यता इसलिए कहा जाता है, क्योंकि मुअनजो-दड़ो सभ्यता के उत्खनन में जो भी वस्तुएं प्राप्त हुई है, वह कोई विशिष्ट वस्तुएं नहीं है। सामान्यतः पुरानी सभ्यताओं के प्राकृतिक स्थलों पर जो भी उत्खनन कार्य हुआ है, वहाँ पर उत्खनन में जो भी वस्तुएं प्राप्त हुई हैं, वे किसी राजसत्ता के चिन्ह, राजा के प्रतीक चिन्ह, धर्म चिन्ह, पूजा-स्थल, मूर्तियां आदि के रूप में प्राप्त हुई है। लेकिन मुअनजो-दड़ो के उत्खनन में ऐसी कोई भी वस्तुएं प्राप्त नहीं हुई है। यहाँ के उत्खनन में साधारण वस्तुएं ही मिली हैं, जो जन-सामान्य के उपयोग में आती रही है। यहाँ पर ना तो किसी संत-महंत, राजा आदि की समाधि मिली है और ना ही किसी बड़े देव आदि की मूर्ति या राजा का मुकुट आदि मिला है। अगर कोई मुकुट मिला भी है तो उसका आकार बहुत छोटा है। नाव आदि तथा अन्य कई वस्तुएं साधारण रूप में प्राप्त हुई है।
निष्कर्ष
इन सब बातों से सिद्ध होता है कि मुअनजो-दड़ो की सभ्यता एक आडंबरहीन सीधी-सादी सभ्यता थी, जहाँ पर किसी राजा या धर्म आदि का प्रभाव नहीं था। इसी कारण मुअनजो-दड़ो की सभ्यता को लो-प्रोफाइल सभ्यता कहा जाता है।
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