“प्लास्टिक हटाएं जीवन बचाएं धरती को स्वच्छ बनाएं”। अगर आप अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए पृथ्वी को बचाए रखना चाहते हैं तो धरती को बंजर होने से बचाएं, प्लास्टिक को धरती से दूर भगाएं-इस विषय पर सुंदर, रोचक नारा लिखिए।

निम्नलिखित समस्तपदों का विग्रह करके समास का नाम लिखिए- (क) हथकड़ी (ख) रोगग्रस्त (ग) शताब्दी (घ) त्रिवेणी (ङ) कमलनयन (च) लाभ-हानि (छ) नवग्रह (ज) तुलसीकृत (झ) राजीवलोचन (ञ) बैलगाड़ी (ट) यथासंभव (ठ) घुड़सवार (ड) लंबोदर​

निम्नलिखित के समस्त पद बनाकर समास का नाम लिखिए: (1) मरण तक (2)नीला है जो कमल (3) देवता का आलय (4) एक है दांत जिसका (5) विष को धारण करने वाला (6) रेल पर चलने वाली गाड़ी (7) चार भुजाओं का समूह (8) महान है जो काव्य (9) घोड़ों की दौड़ (10) गंगा का तट​

नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन की जाँच मशीन पर एक यात्री के भूलवश छूटे एक लाख रुपए के बैग को पुलिस ने उसे लौटा दिया। इस समाचार को पढ़ कर जो विचार आपके मन में आते हैं, उन्हें किसी समाचार पत्र के संपादक को पत्र के रूप में लिखिए।​

लाए कौन संदेश नए घन! दिशि का चंचल, परिमल-अंचल, छिन्न हार से बिखर पड़े सखि! जुगनू के लघु हीरक के कण! लाए कौन संदेश नए घन! सुख दुख से भर, आया लघु उर, मोती से उजले जलकण से छाए मेरे विस्मित लोचन! लाए कौन संदेश नए घन! भावार्थ बताएं।

संतौं भाई आई ग्याँन की आँधी रे। भ्रम की टाटी सबै उड़ाँनी, माया रहै न बाँधी।। हिति चित्त की द्वै यूँनी गिराँनी, मोह बलिंडा तूटा। त्रिस्नाँ छाँनि परि घर ऊपरि, कुबधि का भाँडाँ फूटा। जोग जुगति करि संतौं बाँधी, निरचू चुवै न पाँणी। कूड़ कपट काया का निकस्या, हरि की गति जब जाँणी।। आँधी पीछे जो जल बुठा, प्रेम हरि जन भींनाँ। कहै कबीर भाँन के प्रगटे उदित भया तम खीनाँ।।

आप विद्यालय के रजत चट्टोपाध्याय और श्वेता चट्टोपाध्याय (सचिव) हिंदी संघ, नवोदय विद्यालय, लखनऊ हैं। अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए जिसमें पुस्तकालय में हिंदी की अच्छी पुस्तकें व पत्रिकाएँ मँगवाने के लिए निवेदन किया गया हो।

नीचे दिए गए वाक्यों को ध्यान में पढ़िए- (क) हमारा वतन तो जी लाहौर ही है। (ख) क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं? सामान्यतः ‘ही’ निपात का प्रयोग किसी बात पर बल देने के लिए किया जाता है। ऊपर दिए गए दोनों वाक्यों में ‘ही’ के प्रयोग से अर्थ में क्या परिवर्तन आया है? स्पष्ट कीजिए। ‘ही’ का प्रयोग करते हुए दोनों तरह के अर्थ वाले पाँच-पाँच वाक्य बनाइए।

लेखिका ने विभाजन से उपजी विस्थापन की समस्या का चित्रण करते हुए सफ़िया व सिख बीबी के माध्यम से यह भी परोक्ष रूप से संकेत किया है कि इसमें भी विवाह की रीति के कारण स्त्री सबसे अधिक विस्थापित है। क्या आप इससे सहमत हैं?

आप पावनी है। आप छुट्टियों में गुजरात घूमने का कार्यक्रम बना रही हैं। सरदार पटेल की प्रतिमा भी देखना चाहती है। आपने जो कार्यक्रम बनाया है, उसमें क्या सुधार हो सकता है। अपने चचेरे भाई को लगभग 100 शब्दो में पत्र लिखिए।

आशय स्पष्ट करो। तोड़ता हूँ मोह का बन्धन, क्षमा दो, गाँव मेरे, द्वार घर-आँगन क्षमा दो; आज सीधे हाथ में तलवार दे दो। और बाएँ हाथ में ध्वज को थमा दो। ये सुमन लो, यह चमन लो, नीड़ का तृण-तृण समर्पित, चाहता हूँ देश की धरती, तुझे कुछ और भी हूँ।

(क) दरअसल सिद्धांत कला को जन्म नहीं देते, कला स्वयं अपने सिद्धांत या तो लेकर आती है या बाद में उन्हें गढ़ना पड़ता है। (ख) कला में बेहतर क्या है- बुद्धि को प्रेरित करने वाली भावना या भावना को उकसाने वाली बुद्धि? (ग) दरअसल मनुष्य स्वयं ईश्वर या नियति का विदूषक, क्लाउन, जोकर या साइड किक है। (घ) सत्ता, शक्ति, बुद्धिमता, प्रेम और पैसे के चरमोत्कर्ष में जब हम आईना देखते हैं, तो चेहरा चार्ली-चार्ली हो जाता है। (ङ) मॉर्डन टाइम्स द ग्रेट डिक्टेटर आदि फ़िल्में कक्षा में दिखाई जाएँ और फ़िल्मों में चार्ली की भूमिका पर चर्चा की जाए।

नीचे दिए वाक्यांशों में हुए भाषा के विशिष्ट प्रयोगों को पाठ के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए। (क) सीमाओं से खिलवाड़ करना (ख) समाज से दुरदुराया जाना (ग) सुदूर रूमानी संभावना (घ) सारी गरिमा सुई-चुभे गुब्बारे जैसे फुस्स हो उठेगी। (ङ) जिसमें रोमांस हमेशा पंक्चर होते रहते हैं।

…….. तो चेहरा चार्ली-चार्ली हो जाता है। वाक्य में चार्ली शब्द की पुनरुक्ति से किस प्रकार की अर्थ-छटा प्रकट होती है? इसी प्रकार के पुनरुक्त शब्दों का प्रयोग करते हुए कोई तीन वाक्य बनाइए। यह भी बताइए कि संज्ञा किन स्थितियों में विशेषण के रूप में प्रयुक्त होने लगती है?

भारतीय सिनेमा और विज्ञापनों ने चार्ली की छवि का किन-किन रूपों में उपयोग किया है? कुछ फ़िल्में (जैसे आवारा, श्री 420, मेरा नाम जोकर, मिस्टर इंडिया और विज्ञापनों (जैसी चैरी ब्लॉकसम)) को गौर से देखिए और कक्षा में चर्चा कीजिए।

चैप्लिन ने न सिर्फ़ फ़िल्म-कला को लोकतांत्रिक बनाया बल्कि दर्शकों की वर्ग तथा वर्ण-व्यवस्था को तोड़ा। इस पंक्ति में लोकतांत्रिक बनाने का और वर्ण-व्यवस्था तोड़ने का क्या अभिप्राय है? क्या आप इससे सहमत हैं?

निम्नलिखित संयुक्त वाक्यों से सरल वाक्य बनाइए- (क) हमने खाना खाया और यात्रा के लिए निकल पड़े। ख) मुझे प्रथम आना था इसलिए मैंने परिश्रम किया। (ग) अध्यापक जी आएँगे और हमें पाठ पढ़ाएँगे। अध्य (घ) नेहा को गरमी लग रही थी इसलिए वह गंगा नहाने ग ङ) तेज़ सरदी थी इसलिए मैंने कोट पहन लिया।

निम्नलिखित वाक्यों से करण कारक प्रयुक्त वाला वाक्य चुनकर लिखो क) मोहन घर से बाहर गया ग) लोग पेंड़ से चिपक गए । – ख) विनोद ने सुरेश से पुस्तक लिया । घ) आकाश अच्छी तरह से दिख रहा था । ii) ‘मेरी तो समझ में नहीं आ रहा है।’ वाक्य में कौन-सा कारक है ? क) कर्ता कारक ग) अपादान कारक ख) संप्रदान कारक घ) अधिकरण कारक iii) पनवेल मुंबई…. पास है। रिक्त स्थान की पूर्ति उचित कारक से कीजिए- ख) से क) ने ग) में घ) के ​

निम्नलिखित वाक्यों में दिए गए रिक्त स्थान की पूर्ति उचित क्रिया शब्दों द्वारा कीजिए- (क) बादल ज़ोर-ज़ोर से_____ रहे हैं। (ग) बच्चा___ लग। (ङ) अध्यापक विद्यार्थी से पाठ_____रहे हैं। (ख) चोर पुलिस के द्वारा______गया घ) राधा कपड़े ____रही है। ।​

(क) ‘बद’ उपसर्ग का प्रयोग कर एक शब्द की रचना कीजिए । (ख) ‘अत्यधिक’ शब्द में से उपसर्ग अलग कीजिए। (ग) ‘शैक्षिक’ शब्द में से मूल शब्द एवं प्रत्यय को अलग कीजिए। (घ) ‘त्व’ प्रत्यय का प्रयोग करके शब्द रचना कीजिए (ङ) ‘परिस्थिति’ शब्द में प्रयुक्त उपसर्ग को पृथक करें।​

Join the following sentences with the help of suitable conjunctions: 1. The fan is new. It moves very slowly. 2. Mishthi went to the garden. She plucked some flowers. 3. Mother will scold me. I have lost my purse. 4. My grandmother gave me a dress. It was too small for me. 5. Vinita went to the market. The shops were closed. 6. He is a rich man. He is a very kind man. 7. Drink the milk quickly. It will get cold. 8. Anjli likes coffee. She drinks it every day. 9. I shall be surprised. You fail. 10. Wear a sweater. Come outside.

सिल्वर वेडिंग कहानी में बुजुर्गों के प्रति कम होती सम्मान की भावना क्या व्यक्त करती है? (i) नई पीढ़ी की नई सोच को (ii) बुजुर्गों के प्रति उनके दायित्व बोध को (iii) हाशिए पर जाते मानवीय मूल्यों को (iv) समाज के नवीन पक्ष को

पत्र लेखन : शारद / शारदा इंगले, तुकाई सदन, तिलक नगर, चालीसगाँव से व्यवस्थापक , मनुश्री पुस्तक भंडार , महात्मा नगर , जलगांव को हिंदी की निम्नलिखित पुस्तकें मंगवाने के लिए पत्र लिखता / लिखती है पुस्तकों के नाम :-1 ) गोदान ———प्रेमचंद 2 ) पिंजर ———अमृता प्रीतम।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए : (1) कम्प्यूटर और इंटरनेट से हमें क्या लाभ हुए हैं? (2) समय और शक्ति की बचत कैसे होती है? (3) किन उपकरणों के माध्यम से संदेश व्यवहार हो सकता है? (4) हम धरती पर सुख-सुविधाएँ कैसे निर्माण करेंगे? (5) क्या करने से हम दुनिया में यश पा सकते हैं? (6) तुम्हें विज्ञान का कौन-सा आविष्कार सबसे अच्छा लगता है? क्यों?​

प्रदोषे दीपकः चन्द्रः प्रभाते दीपकः रविः। त्रैलोक्ये दीपकः धर्मः सुपुत्रः कुल-दीपकः।। स्वगृहे पूज्यते मूर्खः स्वग्रामे पूज्यते प्रभुः। स्वदेशे पूज्यते राजा विद्वान् सर्वत्र पूज्यते।। उत्तमे तु क्षणं कोपो मध्यमे घटिकाद्वयम्। अधमे स्याद् अहोरात्रं चाण्डाले मरणान्तकम्।। शैले-शैले न माणिक्यं मौक्तिकं न गजे-गजे। साधवो नहि सर्वत्र चन्दनं न वने-वने।। उत्सवे व्यसने चैव दुर्भिक्षे राष्ट्रविप्लवे। राजद्वारे श्मशाने च यः तिष्ठति स बान्धवः।।​ सभी श्लोक का अर्थ बताएं।

मसजिद भी आदमी ने बनाई है यां मियाँ, बनते हैं आदमी ही इमाम और खुतबाख्वाँ, पढ़ते हैं आदमी ही कुरआन और नमाज़ यां, और आदमी ही उनकी चुराते हैं जूतियाँ, जो उनको ताड़ता है सो है वो भी आदमी व्याख्या बताएं।

भारत के कुछ राज्यों में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की संख्या बहुत कम है आप इसका क्या कारण मानते हैं तथा अपनी दृष्टि में इस प्रवृत्ति को रोकने हेतु क्या उपाय कर सकते हैं ? किसी दैनिक समाचार पत्र के संपादक को एक पत्र लिखिए। (पत्र लिखिए)

पाठ में अनेक अंश ऐसे हैं जो भाषा के विशिष्ट प्रयोगों की बानगी प्रस्तुत करते हैं। भाषा का विशिष्ट प्रयोग न केवल भाषाई सर्जनात्मकता को बढ़ावा देता है बल्कि कथ्य को भी प्रभावी बनाता है। यदि उन शब्दों, वाक्यांशों के स्थान पर किन्हीं अन्य का प्रयोग किया जा तो संभवतः वह अर्थगत चमत्कार और भाषिक सौंदर्य उद्घाटित न हो सके। कुछ प्रयोग इस प्रकार हैं- • फिर बाज़ की तरह उस पर टूट पड़ा। • राजा साहब की स्नेह-दृष्टि ने उसकी प्रसिद्धि में चार चाँद लगा दिए। • पहलवान की स्त्री भी दो पहलवानों को पैदा करके स्वर्ग सिधार गई थी। इन विशिष्ट भाषा-प्रयोगों का प्रयोग करते हुए एक अनुच्छेद लिखिए।

हर विषय, क्षेत्र, परिवेश आदि के कुछ विशिष्ट शब्द होते हैं। पाठ में कुश्ती से जुड़ी शब्दावली का बहुतायत प्रयोग हुआ है। उन शब्दों की सूची बनाइए। साथ ही नीचे दिए गए क्षेत्रों में इस्तेमाल होने वाले कोई पाँच-पाँच शब्द बताइए- • चिकित्सा • क्रिकेट • न्यायालय • या अपनी पसंद का कोई क्षेत्र

कुश्ती या दंगल पहले लोगों और राजाओं का प्रिय शौक हुआ करता था। पहलवानों को राजा लोगों के द्वारा विशेष सम्मान दिया जाता था- (क) ऐसी स्थिति अब क्यों नहीं है? (ख) इसकी जगह अब किन खेलों ने ले ली है? (ग) कुश्ती को फिर से प्रिय खेल बनाने के लिए क्या-क्या कार्य किए जा सकते हैं?

कार्तिक/कीर्ति पाटील, रामनगर, दापोली, जिला – रत्नागिरी से संपादक, दैनिक दापोली टाइम्स, नेताजी रोड, – दापोली को पत्र लिखता/लिखती है, जिसमें वह अपने क्षेत्र में व्याप्त गुंडागर्दी की शिकायत करता/करती है।​

स्पीति में बारिश एक यात्रा-वृत्तांत है। इसमें यात्रा के दौरान किए गए अनुभवों, यात्रा-स्थलों से जुड़ी विभिन्न जानकारियों का बारीकी से वर्णन किया गया है। आप भी अपनी किसी यात्रा का वर्णन लगभग 200 शब्दों में कीजिए।

मान लीजिए कि आपको निराश व्यक्तियों को प्रेरित करने का दायित्व दिया गया है। इस बात को ध्यान में रखते हुए एक प्रेरणादायक भाषण तैयार कीजिए। इसके बाद उचित हाव-भाव और स्वर- शैली के साथ उसे कक्षा में प्रस्तुत कीजिए।​

रिश्तों में हमारी भावना-शक्ति का बँट जाना विश्वासों के जंगल में सत्य की राह खोजती हमारी बुद्धि की शक्ति को कमज़ोर करती है। पाठ में जीजी के प्रति लेखक की भावना के संदर्भ में इस कथन के औचित्य की समीक्षा कीजिए।

संघात्मक सरकार के विशिष्ट लक्षण है- A. संविधान के द्वारा शक्तियों का विभाजन किया जाता है। B. विधायिका, कार्यपालिका व न्यायपालिका के मध्य शक्तियों का बँटवारा होता है। C. कर के स्रोतों को सरकार के विभिन्न स्तरों के मध्य बाँटा जाता है, जिसके माध्यम से आर्थिक स्वतंत्रता को सुनिश्चित किया जाता है। D. उपरोक्त सभी

आप मयंक मौर्य मंजू राजपूत है आजकल प्लास्टिक की वस्तुओं का खूब प्रयोग हो रहा है। प्लास्टिक से होने वाली हानियाँ बताते हुए दैनिक जागरण अ.ब.स. नगर के संपादक को 100 शब्दों में पत्र लिखें जिसमें उसे प्रकाशित करने का अनुरोध किया गया हो।

पत्रलेखन अनौपचारिक पत्र २०, सुभाषनगर, आंबिवली से आर्थन / आर्या परांजपे अपने मित्र / सहेली महेश / महिमा पाटील, 12, | शुक्रवार पेठ, कोल्हापूर को पत्र लिखकर निबंध प्रतियोगिता में प्रथम आने के लिए बधाई देते हुए पत्र लिखता / लिखती है।

आप श्रेयस राजपूत/श्रेयसी सिंह हैं। आप छात्रावास में रहते हैं। आपको पिता जी से पता चला है कि आपकी माता जी पूरे परिवार का तो ध्यान रखती हैं, किंतु अपने स्वास्थ्य की अकसर अनदेखी करती हैं। माता जी को समझाते हुए लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।

पर्चेंज़िंग पावर से क्या अभिप्राय है? बाज़ार की चकाचौंध से दूर पर्चेज़िंग पावर का साकारात्मक उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है? आपकी मदद क लिए संकेत दिया जा रहा है- (क) सामाजिक विकास के कार्यों में। (ख) ग्रामीण आर्थिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने में……।

नीचे दिए गए वाक्यों के रेखांकित अंश पर ध्यान देते हुए उन्हें पढ़िए- (क) निर्बल ही धन की ओर झुकता है। (ख) लोग संयमी भी होते हैं। (ग) सभी कुछ तो लेने को जी होता था। ऊपर दिए गए वाक्यों के रेखांकित अंश ‘ही’, ‘भी’, तो निपात हैं जो अर्थ पर बल देने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। वाक्य में इनके होने-न-होने और स्थान क्रम बदल देने से वाक्य के अर्थ पर प्रभाव पड़ता है, जैसे- मुझे भी किताब चाहिए। (मुझे महत्त्वपूर्ण है।) मुझे किताब भी चाहिए। (किताब महत्त्वपूर्ण है।) आप निपात (ही, भी, तो) का प्रयोग करते हुए तीन-तीन वाक्य बनाइए। साथ ही ऐसे दो वाक्यों का निर्माण कीजिए जिसमें ये तीनों निपात एक साथ आते हों।

नीचे दिए गए वाक्यों को पढ़िए। (क) पैसा पावर है। (ख) पैसे की उस पर्चेज़िंग पावर के प्रयोग में ही पावर का रस है। (ग) मित्र ने सामने मनीबैग फैला दिया। (घ) पेशगी ऑर्डर कोई नहीं लेते। ऊपर दिए गए इन वाक्यों की संरचना तो हिंदी भाषा की है लेकिन वाक्यों में एकाध शब्द अंग्रेज़ी भाषा के आए हैं। इस तरह के प्रयोग को कोड मिक्सिंग कहते हैं। एक भाषा के शब्दों के साथ दूसरी भाषा के शब्दों का मेलजोल! अब तक आपने जो पाठ पढ़े उसमें से ऐसे कोई पाँच उदाहरण चुनकर लिखिए। यह भी बताइए कि आगत शब्दों की जगह उनके हिंदी पर्यायों का ही प्रयोग किया जाए तो संप्रेषणीयता पर क्या प्रभाव पड़ता है।

पाठ में अनेक वाक्य ऐसे हैं, जहाँ लेखक अपनी बात कहता है कुछ वाक्य ऐसे हैं जहाँ वह पाठक-वर्ग को संबोधित करता है। सीधे तौर पर पाठक को संबोधित करने वाले पाँच वाक्यों को छाँटिए और सोचिए कि ऐसे संबोधन पाठक से रचना पढ़वा लेने में मददगार होते हैं?

अपने सामान की बिक्री को बढ़ाने के लिए आज किन-किन तरीकों का प्रयोग किया जा रहा है? उदाहरण सहित उनका संक्षिप्त परिचय दीजिए। आप स्वयं किस तकनीक या तौर-तरीके का प्रयोग करना चाहेंगे जिससे बिक्री भी अच्छी हो और उपभोक्ता गुमराह भी न हो।

आपने समाचारपत्रों, टी.वी. आदि पर अनेक प्रकार के विज्ञापन देखे होंगे जिनमें ग्राहकों को हर तरीके से लुभाने का प्रयास किया जाता है। नीचे लिखे बिन्दुओं के सन्दर्भ में किसी एक विज्ञापन की समीक्षा कीजिए और यह भी लिखिए कि आपको विज्ञापन की किस बात ने सामान खरीदने के लिए प्रेरित किया – 1. विज्ञापन में सम्मिलित चित्र और विषय-वस्तु 2. विज्ञापन में आए पात्र व उनका औचित्य 3. विज्ञापन की भाषा।

विजयदान देथा की कहानी ‘दुविधा’ (जिस पर ‘पहेली’ फिल्म बनी है) के अंश को पढ़ कर आप देखेंगे कि भगतजी की सन्तुष्ट जीवन-दृष्टि की तरह ही गड़रिए की जीवन-दृष्टि है, इससे आपके भीतर क्या भाव जगते हैं? गड़रिया बगैर कहे ही उसके दिल की बात समझ गया, पर अंगूठी कबूल नहीं की। काली दाढ़ी के बीच पीले दाँतों की हँसी हँसते हुए बोला-‘मैं कोई राजा नहीं हूँ जो न्याय की कीमत वसूल करूँ। मैंने तो अटका काम निकाल दिया। और यह अंगूठी मेरे किस काम की। न यह अंगुलियों में आती है, न तड़े में। मेरी भेड़ें भी मेरी तरह गँवार हैं। घास तो खाती हैं, पर सोना सूंघती तक नहीं। बेकार की वस्तुएँ तुम अमीरों को ही शोभा देती हैं।’ – विजयदान देथा

‘जरूरत-भर जीरा वहाँ से ले लिया कि फिर सारा चौक उनके लिए आसानी से नहीं के बराबर हो जाता है’-भगतजी की इस सन्तुष्ट निस्पृहता की कबीर की इस सूक्ति से तुलना कीजिए- चाह गई चिंता गई मनुआँ बेपरवाह जाके कछु न चाहिए सोइ सहंसाह। – कबीर

स्त्री माया न जोड़े यहाँ माया शब्द किस ओर संकेत कर रहा है? स्त्रियों द्वारा माया जोड़ना प्रकृति प्रदत्त नहीं, बल्कि परिस्थितिवश है। वे कौन-सी परिस्थितियाँ हैं जो स्त्री को माया जोड़ने के लिए विवश कर देती है?

बाज़ार दर्शन पाठ में बाज़ार जाने या न जाने के संदर्भ में मन की कई स्थितियों का ज़िक्र आया है। आप इन स्थितियों से जुड़े अपने अनुभवों का वर्णन कीजिए। (क) मन खाली हो (ख) मन खाली न हो (ग) मन बंद हो (घ) मन में नकार हो

आप मनस्वी मौर्य/मनस्विता मालवीय हैं। बरसात के दिनों में दुर्घटना को दावत देते खुले पड़े सीवर लाइन के मैनहोलों के संदर्भ में दैनिक जागरण, अ ब स नगर के संपादक को एक समाचार प्रकाशित करने का अनुरोध करते हुए लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।

पानवाले के द्वारा कैप्टन को लंगड़ा कहना हालदार साहब को बुरा क्यों लगा? (i) क्योंकि अपंग होते हुए भी वह देशभक्ति की भावना रखता था। (ii) क्योंकि उन्हें मजाक पसंद नही था। (iii) क्योंकि उसे मूर्ति पर चश्मा लगाना अच्छा नहीं लगता था। (iv) क्योंकि उन्हें मजाक पसंद था।

दिए गए समस्तपदों का विग्रह कर समास का नाम भी लिखिए- 1. दशग्रीवा 2. पंचवटी 3. कलामर्मज्ञ 4. चंद्रशेखर 5. भलामानस 6. दृग-सुमन 7. भूघर 8. सुपुत्र 9. विद्यारत्न 10. यथाविधि 11. चक्रपाणि 12. पर्वतप्रदेश 13. समय 14. लंबोदर 15. परनिंदा 16. अनाथ।

निम्नलिखित वाक्यों को अर्थ के आधार पर भेदों के अनुसार पहचानिए तथा उनके सामने उनके भेदों के नाम लिखिए : (1) बूढ़ा व्यक्ति चल नहीं पा रहा। (2) हो सकता है, वह मेरे पास आए। (3) क्या तुम खेलने जाओगे? (4) माँ आराम कर रही हैं। (5) आओ, अब सो जाओ। (6) मुदित पढ़ता नहीं है, इसलिए डाँट खाता है। (7) आह! मेरे पैर में बहुत दर्द है। (8) भगवान तुम्हारा भला करे। (9) सब चलकर पहले मेरे पास आओ। (10) कौन नाच रहा है? (11) दीदी, एक सवाल पूछूं? (12) लाल कण बनावट में बालूशाही जैसे होते हैं। (13) राम! राम! राम! बहुत रात हो गई। (14) बाप रे! कैसा था वो आँधी-पानी का तूफ़ान (15) लड़की गहरी नींद सो रही थी। (16) शायद आज कुछ-कुछ बादल छाए हैं। उस समय मिला हुआ ज्ञान​।

ऐसो को उदार जग माहीं? बिनु सेवा जो द्रवै दीन पर, राम सरिस कोई नाहीं । जो गति जोग बिराग जतन करि नहिं पावत मुनि ज्ञानी। जो संपति बिभीषण कहँ, अति सकुच सहित हरि दीन्ही। तुलसीदास सब भाँति सकल सुख, जो चाहसि मन-मेरा। तौ भजु राम काम सब पूरन, करै पानिधि तेरो नाम।। (विनयपत्रिका) भावार्थ लिखें।

जिसमें सुगंध वाले, सुंदर प्रसून प्यारे, दिन-रात हँस रहे हैं, वह देश कौन सा है? मैदान, गिरि, वनों में हरियालियाँ लहकतीं, आनंद पथ जहांँ है, वह देश कौन सा है? जिसके अनंत धन से, धरती भरी पड़ी है, संसार का शिरोमणि, वह देश कौन-सा है ?​

अहो! मधुरा एषा प्रभातवेला । एषः प्रातःकालीन: रविः अस्ति । रवि: आकाशे उदयति । नश्यति । रवे: सुन्दरं बिम्बं कस्य चित्तं न हरति ! सूर्योदये चटका: कूजन्ति । पक्षिणः कलरवं कुर्वन्ति । पशवः इतस्ततः भ्रमन्ति। सर्वे जीवाः संलग्नाः भवन्ति । जनाः रविं नमन्ति। अन्ये च रवये अर्घ्यम् यच्छन्ति । रविणा एव प्राणि आगच्छति। आश्चर्यम्, रवेः एव चन्द्रादिनक्षत्राणि प्रकाशम् विन्दन्ति । धन्यः एषः रविः । हे रवे! वयम् नमामः गायामः च। हिंदी में अनुवाद करें।

अमर/अमिषा जानकर 33, इंदिरा हौसिंग सोसायटी, लक्ष्मीपुरी, गडहिंग्लज से अपने मित्र /सहेली का राज्यस्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम क्रमांक आने के उपलक्ष्य में अभिनंदन करने वाला पत्र लिखता/लिखती है।​

नीचे लिखे रेखांकित शब्दों के भेदों के सही विकल्प चुनकर लिखिए : (i) मुझे हिंदी अच्छी लगती है। (क) भाववाचक संज्ञा (ख) जातिवाचक संज्ञा (ग) व्यक्तिवाचक संज्ञा (घ) द्रव्यवाचक संज्ञा (ii) गरमी के मारे बुरा हाल है। (क) जातिवाचक संज्ञा (ख) भाववाचक संज्ञा (ग) द्रव्यवाचक संज्ञा (घ) समूहवाचक संज्ञा (iii) चौराहे पर बहुत भीड़ है। (क) व्यक्तिवाचक संज्ञा (ख) समूहवाचक संज्ञा (ग) द्रव्यवाचक (घ) जातिवाचक संज्ञा (iv) कविवर रवींद्रनाथ को कौन नहीं जानता ? (क) व्यक्तिवाचक संज्ञा (ख) जातिवाचक संज्ञा (ग) समूहवाचक संज्ञा (घ) भाववाचक संज्ञा (v) पेट्रोल-डीजल के दाम दिनोंदिन बढ़ रहे हैं। (क) जातिवाचक संज्ञा (ख) भाववाचक संज्ञा (ग) व्यक्तिवाचक संज्ञा (घ) द्रव्यवाचक संज्ञा (vi) बादलों को देखकर मोर प्रसन्न हो जाता है। (क) व्यक्तिवाचक संज्ञा (ख) जातिवाचक संज्ञा (ग) समूहवाचक संज्ञा (घ) भाववाचक संज्ञा (vii) दिल्ली भारत की राजधानी है। (क) व्यक्तिवाचक संज्ञा (ख) जातिवाचक संज्ञा (ग) भाववाचक संज्ञा (घ) समूहवाचक संज्ञा (viii) आज कक्षा के सारे बच्चों को सजा मिली। (क) व्यक्तिवाचक संज्ञा (ख) जातिवाचक संज्ञा (ग) समूहवाचक संज्ञा (घ) भाववाचक संज्ञा (ix) कुत्ता स्वामिभक्त पशु है। (क) भाववाचक संज्ञा (ख) जातिवाचक संज्ञा (ग) व्यक्तिवाचक संज्ञा (घ) समूहवाचक संज्ञा (x) दूध पीकर खेलने जाओ। (क) समूहवाचक संज्ञा (ख) जातिवाचक संज्ञा (ग) द्रव्यवाचक संज्ञा (घ) व्यक्तिवाचक संज्ञा​

भक्तिन पाठ में पहली कन्या के दो संस्करण जैसे प्रयोग लेखिका के खास भाषाई संस्कार की पहचान कराता है, साथ ही ये प्रयोग कथ्य को संप्रेषणीय बनाने में भी मददगार हैं। वर्तमान हिंदी में भी कुछ अन्य प्रकार की शब्दावली समाहित हुई है। नीचे कुछ वाक्य दिए जा रहे हैं जिससे वक्ता की खास पसंद का पता चलता है। आप वाक्य पढ़कर बताएँ कि इमें किन तीन विशेष प्रकार की शब्दावली का प्रयोग हुआ है? इन शब्दावलियों या इनके अतिरिक्त अन्य किन्हीं विशेष शब्दावलियों का प्रयोग करते हुए आप भी कुछ वाक्य बनाएँ और कक्षा में चर्चा करें कि ऐसे प्रयोग भाषा की समृद्धि में कहाँ तक सहायक है? –अरे! उससे सावधान रहना! वह नीचे से ऊपर तक वायरस से भरा हुआ है। जिस सिस्टम में जाता है उसे हैंग कर देता है। –घबरा मत! मेरी इनस्वींगर के सामने उसके सारे वायरस घुटने टेकेंगे। अगर ज़्यादा फ़ाउल मारा तो रेड कार्ड दिखा के हमेशा के लिए पवेलियन भेज दूँगा। –जानी टेंसन नई लेने का वो जिस स्कूल में पढ़ता है अपुन उसका हैडमास्टर है।

पाठ में आए लोकभाषा के इन संवादों को समझ कर इन्हें खड़ी बोली हिंदी में ढाल कर प्रस्तुत कीजिए। (क) ई कउन बड़ी बात आय। रोटी बनाय जानित है, दाल राँघ लेइत है, साग-भाजी छँउक सकित है, आउर बाकी का रहा। (ख) हमारे मालकिन तौ रात-दिन कितबयिन माँ गड़ी रहती हैं। अब हमहूँ पढ़ै लागब तो घर-गिरिस्ती कउन देखी-सुनी। (ग) ऊ बिचारअउ तौ रात-दिन काम माँ जुकी रहती हैं, अउर तुम पचै घमती-फिरती हौ, चलौ तनिक हाथ बटाय लेउ। (घ) तब ऊ कुच्छौ करिहैं-धरिहैं ना-बस गली-गली गाउत-बजाउत फिरिहैं। (ङ) तुम पचै का का बताईययहै पचास बरिस से संग रहित हैं। (च) हम कुकुरी बिलारी न होयँ, हमार मन पुसाई तौ हम दूसरा के जाब नाहिं त तुम्हार पचै की छाती पै होरहा भूँजब और राज करब, समुझे रहौ।

‘बहनोई’ शब्द ‘बहन (स्त्री.)+ ओई’ से बना है। इस शब्द में हिंदी भाषा की एक अनन्य विशेषता प्रकट हुई है। पुंलिंग शब्दों में कुछ स्त्री-प्रत्यय जोड़ने से स्त्रीलिंग शब्द बनाने की एक समान प्रकिया कई भाषाओं में दिखती है, पर स्त्रीलिंग शब्द में कुछ पुं. प्रत्यय जोड़कर पुंलिंग शब्द बनाने की घटना प्रायः अन्य भाषाओं में दिखलाई नहीं पड़ती है। यहाँ पुं. प्रत्यय ‘ओई’ हिंदी की अपनी विशेषता है। ऐसे कुछ और शब्द उनमें लगे पुं. प्रत्ययों की हिंदी तथा और भाषाओं में खोज करें।

नीचे दिए गए विशिष्ट भाषा-प्रयोगों के उदाहरणों को ध्यान से पढ़िए और इनकी अर्थ- छवि स्पष्ट कीजिए- (क) पहली कन्या के दो संस्करण और कर डाले (ख) खोटे सिक्कों की टकसाल जैसी पत्नी (ग) अस्पष्ट पुनरावृत्तियाँ और स्पष्ट सहानुभूतिपूर्ण

महादेवी जी इस पाठ में हिरनी सोना, कुत्ता बसंत, बिल्ली गोधूलि आदि के माध्यम से पशु- पक्षी को मानवीय संवेदना से उकेरने वाली लेखिका के रूप में उभरती हैं। उन्होंने अपने घर में और भी कई पशु-पक्षी पाल रखे थे तथा उन पर रेखाचित्र भी लिखे हैं। शिक्षक की सहायता से उन्हें ढूँढकर पढ़ें। जो मेरा परिवार नाम से प्रकाशित है।

पाँच वर्ष की वय में ब्याही जानेवाली लड़कियाँ में सिर्फ़ भक्तिन नहीं है, बल्कि आज भी हज़ारों अभागिनियाँ हैं। बाल-विवाह और उम्र के अनमेलपन वाले विवाह की अपने आस-पास हो रही घटनाओं पर दोस्तों के साथ परिचर्चा करें।

भक्तिन की बेटी के मामले में जिस तरह का फ़ैसला पंचायत ने सुनाया, वह आज भी कोई हैरतअंगेज़ बात नहीं है। अखबारों या टी.वी. समाचारों में आनेवाली किसी ऐसी ही घटना को भक्तिन के उस प्रसंग के साथ रखकर उस पर चर्चा करें।

भक्तिन की बेटी पर पंचायत द्वारा ज़बरन पति थोपा जाना दुर्घटना भर नहीं, बल्कि विवाह के संदर्भ में स्त्री के मानवाधिकार (विवाह करें या न करें अथवा किससे करें) इसकी स्वतंत्रता को कुचले रहने की सदियों से चली आ रही सामाजिक परंपरा का प्रतीक है। कैसे?

दो कन्या-रत्न पैदा करने पर भक्तिन पुत्र-महिमा में अँधी अपनी जिठानियों द्वारा घृणा व उपेक्षा का शिकार बनी। ऐसी घटनाओं से ही अकसर यह धारणा चली है कि स्त्री ही स्त्री की दुश्मन होती है। क्या इससे आप सहमत हैं?

apke pitaji aapko chatravas bhejna chahte hain aap whan Jana nahi chahte is vishaya me apne Nana ko patra likhen ki voh pita ji ko mnaye taki apko vah chatra was na bhejein (आपके पिता जी आपको छात्रावास भेजना चाहते है आप वहाँ जाना नहीं चाहते इस विषय में अपने नाना को पत्र लिखें की वह पिता जी को मनाए ताकी आपको वह छात्रावास न भेजें। )

निम्नलिखित कर्तृवाच्य के वाक्यों को भाववाच्य में बदलिए। 1. मीरा इसी समय जाएगी। 2. आओ अब चले पक्षी। 3. आकाश में उड़ रहे हैं। 4. मैं यहाँ नहीं रुक सकता। 5. अध्यापक बहुत धीरे चलते हैं। 6. मेरी बहन चल नहीं सकती। 7. बच्चा बहुत रोया​।

जब पंगत बैठ जाती तो बाबूजी भी धीरे-धीरे से आकर जीमने के लिए बैठ जाते थे। उन्हें देखकर बच्चे बहुत हंसते थे। लेखक के पिता का बच्चों के साथ खेलना उचित है? माता का आँचल के पाठ के आधार पर इस कथन के पक्ष या विपक्ष में अपना मत प्रस्तुत कीजिए।​

ऐसी मूढ़ता या मन की। परिहरि राम-भगति-सुरसरिता, आस करत ओसकन की॥ धूम-समूह निरखि चातक ज्यों, तृषित जानि मति घन की। नहिं तँह सीतलता न बारि, पुनि हानि होति लोचन की॥ ज्यों गच-काँच बिलोकि सेन जड़ छाँह आपने तन की। टूटत अति आतुर अहार बस, छति बिसारि आनन की॥ कहँ लौं कहौं कुचाल कृपानिधि! जानत हौ गति जन की। तुलसिदास प्रभु हरहु दुसह दु:ख, करहु लाज निज पन की॥ प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए।

मिलिंद / मानसी मोरे, शास्त्रीनगर, अमरावती 444601 स्वास्थ्य अधिकारी महानगरपालिका, अमरावती से 444601 को शहर में अशुद्ध जल की पूर्ति होने के कारण बढ़ती बीमारी की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए पत्र लिखता / लिखती है।

1. नई नारी निर्भीक क्यों है?​ 2. नई नारी को क्या स्वीकार नहीं है?​ 3. नई नारी किसका अध्ययन करेंगी ?​ 4. नई नारी किसको देवतुल्य बनाना चाहती हैं? 5. कवि सुब्रह्मण्यम भारती ने नई नारी में किन-किन गुणों की कल्पना की है?

गुंजन समझाने पर भी नहीं समझती।- वाक्य का भाववाच्य रूप क्या होगा ? (क) गुंजन से समझाने पर भी नहीं समझा गया। (ख) समझाने पर भी गुंजन से नहीं समझा जाता। (स) किसी से गुंजन को नहीं समझाया जाता। (घ) गुंजन समझती ही नहीं।​

जीवन में अंधविश्वास मनुष्य को हानि ही पहुँचाता है। ईश्वर पर विश्वास करना सही है क्योंकि वह मनुष्य को धर्म के प्रति जागरूक करता है तथा सही और गलत की पहचान करने की क्षमता प्रदान करता है। धर्म के ठेकेदार अंधविश्वास का सहारा लेकर मनुष्य की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर अपनी स्वार्थ सिद्धि करते हैं। गाँव में ठाकुरबारी के विकास का कारण बताते हुए ठाकुरबारी की आड़ में महंत के इरादों का पर्दाफाश कीजिए​।

निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त क्रियाएँ चुनकर लिखिए कि वे किस काल को दर्शाती हैं? क्रिया। काल (क) अध्यापक जी कक्षा में पढ़ाते हैं। (ख) माली पौधों को पानी दे रहा था। (ग) हम मुंबई जाएँगे। (घ) आज बाज़ार बंद होगा। (ङ) तुम मेहनत करते, तो पास भी हो जाते।​

आजकल देश में विश्वविद्यालय की बाढ़ सी आ गई है। आवासीय विद्यालय के छात्रों की जीवन में क्या उपयोगिता हो सकती है। इस प्रकार विद्यालयों की अच्छाइयां और बुराइयां के बारे में बताते हुए वर्तमान में इनकी आवश्यकता पर अपने विचार लिखिए।

शब्दों के माध्यम से जब कवि दृश्यों, चित्रों, ध्वनि-योजना अथवा रूप-रस-गंध को हमारे ऐन्द्रिक अनुभवों में साकार कर देता है तो बिंब का निर्माण होता है। इस आधार पर प्रस्तुत कविता से बिंब की खोज करें।

शीतकालीन अवकाश में यात्रा के दौरान आपकी मुलाकात एक हम उम्र बच्चे से होती है। उसका और आपका गंतव्य एक ही है। बातों बातों में आपको पता चलता है कि वह आपके ही शहर का रहने वाला है । आप दोनों के मध्य संवाद को लिखिए।

राकेश को उसके मित्र संजय ने अपने बड़े भाई के विवाह में शामिल होने का आमंत्रण पत्र भेजा है। अपनी कश्मीर यात्रा के कारण वह विवाह-समारोह में शामिल होने में असमर्थ है। वह अपने मित्र संजय को अपनी असमर्थता व्यक्त करते हुए शुभकामना देता है।

आपके विद्यालय में आए दिन छात्रों की कोई ना कोई वस्तु गुम होने जाने की घटनाएं घटित हो रही हैं कल आपके एक सहपाठी की साइकिल चोरी हो गई थी इस संबंध में एक प्रार्थना पत्र लिखकर माननीय प्रधानाचार्य महोदय को अवगत कराइए​

राज्य में डेंगू से पीड़ित रोगियों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुये स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव की ओर से सभी जिला पदाधिकारियों को भेजे जाने वाले एक सरकारी पत्र का प्रारूप दें, जिसमें डेंगू पीड़ित रोगियों के ईलाज, इसके रोकथाम एवं सभी स्वास्थ्य केन्द्रों/अस्पतालों में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने का उल्लेख हो।

1) वृत्तांत लेखन : निम्नलिखित विषय से संबंधित 60 से 80 शब्दों में वृत्तांत तैयार कीजिए । (वृत्तांत में स्थल, काल, घटना का उल्लेख होना अनिवार्य हैं।) 21 जून अंतरराष्ट्रीय योग-दिन समारोह श्री. चांगदेव विद्यालय, नारायणडोह, अहमदनगर

रचना की दृष्टि से निम्नलिखित वाक्यों के प्रकार लिखिए। क. सुबह हुई और चिड़ियाँ चहचहाने लगीं। ख. खाना खाने के बाद तुम अपने घर चले जाओ। ग. जैसे ही बच्चे घर से बाहर निकले, वर्षा होने लगी। घ. जो व्यक्ति मधुरभाषी होता है, उसे सभी चाहते हैं। ङ. उसने मुझे बुलाया परंतु मैं चला आया। च. अनुशासन के बल पर ही छात्र अपने व्यस्त समय का सदुपयोग करता है

आज जीत की रात पहरुए, सावधान रहना। खुले देश के द्वार अचल दीपक समान रहना प्रथम चरण है नये स्वर्ग का है मंजिले का छोर इस जन-मंथन से उठ आई पहली रतन हिलोर अभी शेष है पूरी होना जीवन मुक्ता डोर क्योंकि नहीं मिट पाई दुख की विगत साँवली कोर ले युग की पतवार बने अंबुधि समान रहना पहरुए, सावधान रहना। भावार्थ लिखें।

आप श्वेता कपूर /शैलेश कपूर हैं। आप वर्तमान परिप्रेक्ष्य में हिंदी की उपयोगिता जानते हैं इसीलिए ग्यारहवीं कक्षा में विज्ञान विषय के साथ भी हिंदी अतिरिक्त विषय के रूप में पढ़ना चाहते हैं। अपने प्रधानाचार्य को विद्यालय के ईमेल पते पर ईमेल लिखकर अनुमति प्राप्त कीजिए।

आपके क्षेत्र में डेंगू, मलेरिया और स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियाँ पैर पसारने लगी हैं। अस्पतालों में रोगियों की भरमार लगी है। चिकित्सीय सुविधाओं के अभाव की ओर ध्यान दिलाते हुए स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखिए।​

कविता में एक भाव, एक विचार होते हुए भी उसका अंदाज़े बयाँ या भाषा के साथ उसका बर्ताव अलग-अलग रूप में अभिव्यक्ति पाता है। इस बात को ध्यान रखते हुए नीचे दी गई कविताओं को पढ़िए और दी गई फ़िराक की गज़ल-रुबाई में से समानार्थी पंक्तियाँ ढूँढ़िए। (क) मैया मैं तो चंद्र खिलौनो लैहों। –सूरदास (ख) वियोगी होगा पहला कवि आह से उपजा होगा गान उमड़ कर आँखों से चुपचाप बही होगी कविता अनजान –सुमित्रानंदन पंत (ग) सीस उतारे भुईं धरे तब मिलिहैं करतार –कबीर

आप किशोर भारती में स्वच्छता प्रमुख संजीव कुमार / संगीता कुमारी है आपके विद्यालय ने स्वच्छता अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इसके लिए सामने वाली बस्ती में साफ सफाई करने के अलावा लोगों में स्वच्छता के प्रति जन-जागरुकता फैलाए जाने का निश्चय किया गया है। इसके लिए एक सूचना तैयार कीजिए।

आपके विद्यालय में खेल दिवस मनाया गया आपने कई खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर पुरस्कार जीते अपने पूर्व खेल शिक्षक को पत्र लिखकर अपनी उपलब्धि के बारे में बताइए तथा आगे भी उनके दिशा निर्देश एवं आशीर्वाद को इच्छा व्यक्त कीजिए।

राम कौशल्या के पुत्र थे लक्ष्मण सुमित्रा के। इस प्रकार वे परस्पर सहोदर (एक ही माँ के पेट से जन्मे) नहीं थे। फिर, राम ने उन्हें लक्ष्य कर ऐसा क्यों कहा- ”मिलइ न जगत सहोदर भ्राता”? इस पर विचार करें।

पेट ही पचत, बेचत बेटा-बेटकी तुलसी के युग का ही नहीं आज के युग का भी सत्य है। भुखमरी में किसानों की आत्महत्या और संतानों (खासकर बेटियों) को भी बेच डालने की हृदय-विदारक घटनाएँ हमारे देश में घटती रही हैं। वर्तमान परिस्थितियों और तुलसी के युग की तुलना करें।

कालिदास के रघुवंश महाकाव्य में पत्नी (इंदुमती) के मृत्यु-शोक पर अज तथा निराला की सरोज-स्मृति में पुत्री (सरोज) के मृत्यु-शोक पर पिता के करुण उद्गार निकले हैं। उनसे भ्रातृशोक में डूबे राम के इस विलाप की तुलना करें।

जैहउँ अवध कवन मुहुँ लाई। नारि हेतु प्रिय भाइ गँवाई।। बरु अपजस सहतेउँ जग माहीं।। नारि हानि बिसेष छति नाहीं।। भाई के शोक में डूबे राम के इस प्रलाप-वचन में स्त्री के प्रति कैसा सामाजिक दृष्टिकोण संभावित है?

व्याख्या करें- (क) मम हित लागि जतेहु पितु माता। सहेहु बिपिन हिम आतप बाता। जौं जनतेउँ बन बंधु बिछोहू। पितु बचन मनतेउँ नहिं ओहू।। (ख) जथा पंख बिनु खग अति दीना। मनि बिनु फनि करिबर कर हीना। अस मम जिवन बंधु बिनु तोही। जौं जड़ दैव जिआवै मोही।। (ग) माँगि कै खैबो, मसीत को सोइबो, लैबोको एकु न दैबको दोऊ।। (घ) ऊँचे नीचे करम, धरम-अधरम करि, पेट ही को पचत, बेचत बेटा-बेटकी।।

तुलसी ने यह कहने की ज़रूरत क्यों समझी? धूत कहौ, अवधूत कहौ, रजपूतु कहौ, जोलहा कहौ कोऊ/ काहू की बेटीसों बेटा न ब्याहब, काहूकी जाति बिगार न सोऊ। इस सवैया में काहू के बेटासों बेटी न ब्याहब कहते तो सामाजिक अर्थ में क्या परिवर्तन आता?

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर के सचिव की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति का प्रारूप तैयार कीजिए, जिसमे बोर्ड द्वारा प्रकाशित पुस्तकों के विक्रय हेतु पुस्तक विक्रेताओं को पंजीकरण करवाने का मंत्रणा हो l​

कविता को प्रभावी बनाने के लिए कवि विशेषणों का सायास प्रयोग करता है जैसे- अस्थिर सुख। सुख के साथ अस्थिर विशेषण के प्रयोग ने सुख के अर्थ में विशेष प्रभाव पैदा कर दिया है। ऐसे अन्य विशेषणों को कविता से छाँटकर लिखें तथा बताएँ कि ऐसे शब्द-पदों के प्रयोग से कविता के अर्थ में क्या विशेष प्रभाव पैदा हुआ है?

इस कविता में बादल के लिए ऐ विप्लव के वीर!, ऐ जीवन के पारावार! जैसे संबोधनों का इस्तेमाल किया गया है। बादल राग कविता के शेष पाँच खड़ों में भी कई संबोधनों का इस्तेमाल किया गया है। जैसे- अरे वर्ष के हर्ष!, मेरे पागल बादल!, ऐ निर्बंध!, ऐ स्वच्छंद!, ऐ उद्दाम!, ऐ सम्राट!, ऐ विप्लव के प्लावन!, ऐ अनंत के चंचल शिशु सुकुमार!, उपर्युक्त संबोधनों की व्याख्या करें तथा बताएँ कि बादल के लिए इन संबोधनों का क्या औचित्य है?

नानी वाली कथा कहानी, अब भी जग में लगे सुहानी। बेटी युग के नए दौर की आओ लिखें नई कहानी।। बेटी युग में बेटा बेटी, सभी पढ़ेंगे, सभी बढ़ेंगे। फौलादी ले नेक इरादे खुद अपना इतिहास गढ़ेंगे। देश पढ़ेगा, देश बढ़ेगा, दौड़ेगी अब तरुण जवानी। नानी वाली कथा कहानी, अब भी जग में लगे सुहानी।। बेटा शिक्षित, आधी शिक्षा, दोनों शिक्षित, पूरी शिक्षा। हमने सोचास मनन करो तुम, सोचो समझो, करो समीक्षा।। सारा जग शिक्षामय करना, हमने सोचा मन में ठानी। नानी वाली कथा-कहानी, अब भी जग में लगे सुहानी।। अब कोई ना अनपढ़ होगा, सबके हाथों पुस्तक होगी। ज्ञान गंगा की पावन धारा, सबके आंगन तक पहुंचेगी।। पुस्तक और कलम की शक्ति, जगजाहिर जानी पहचानी। नानी वाली कथा कहानी अब भी जग में लगे सुहानी।। बेटी युग सम्मान पर्व है, पुण्य पर्व है, ज्ञान पर्व है। सब सब का सम्मान करें तो, जन जन का उत्थान पर्व है।। सोने की चिड़िया तब बोले, बेटी युग की हवा सयानी। नानी वाली कथा कहानी, अभी जग में लगे सुहानी।। भावार्थ लिखें…

Log down ke bad punsah vidyalay kholne per vidyalay jaane wale apne apne chhote bhai ko patra likhiye aur bataiye ki korona se suraksha hetu use vidyalay mein kin savdhaniyon ko bartana chahie (लॉक डाउन के बाद पुनः विद्यालय खोलने पर विद्यालय जाने वाले अपने छोटे भाई को पत्र लिखिए और बताइए कि कोरोना से सुरक्षा हेतु उसे विद्यालय में किन सावधानियों का बरतना चाहिए ।)

आपके क्षेत्र में लघु उद्योग इकाइयाँ दूषित पानी का शोधन किए बिना नालियों में बहा रही हैं, इससे जल प्रदूषण बढ़ रहा है। इस समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए अपने जिले के प्रदूषण अधिकारी को पत्र लिखिएl

योगेश/योगिता दुबे, ६४, सदाशिव पेठ, पुणे, ४११ ०१४ से अपने विभाग के महाराष्ट्र राज्य बिजली मंडल के उप अभियंता, तिलक रोड़ पुणे के नाम पत्र लिखकर इस महीने का बिजली का बिल कुछ अधिक रकम आने के कारण शिकायत करता/करती है।​

आपके विद्यालय में तेलंगाना के कुछ कलाकार अपनी लोक-नृत्य की प्रस्तुति देना चाहते हैं। आप इस संदर्भ में एक सूचना लेखन दें, जिसमे कार्यक्रम की उचित जानकारी हो। आप विद्यालय के सांस्कृतिक विभाग के उपसचिव अनुज हैं।​

दिए गए वाक्यों को कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य में बदलिए । (क) पक्षी उड़ रहे हैं। (ख) वह समझदारी से काम करता है। (ग) उमा सुंदर चित्र बना रही है। (घ) वह परीक्षा देने जा रहा है। (ङ) राजा ने न्याय किया। (च) लता गीत गा रही है।​

“जानता हूँ, युधिष्ठिर ! भली भाँति जानता हूँ। किंतु सोच लो, मैं थककर चूर हो गया हूँ, मेरी सभी सेना तितर-बितर हो गई है, मेरा कवच फट गया है, मेरे शस्‍त्रास्‍त्र चुक गए हैं। मुझे समय दो युधिष्‍ठिर ! क्‍या भूल गए मैंने तुम्‍हें तेरह वर्ष का समय दिया था ?” क) वक्‍ता कौन है ? वह क्‍या जानता था ? ख) वक्‍ता इस समय असहाय क्यों हो गया था ? ग) श्रोता को तेरह वर्ष का समय क्‍यों दिया गया था ? घ) श्रोता को जो समय दिया गया था , उसके पीछे वक्‍ता का क्‍या उद्‌देश्‍य था ? क्‍या वह अपने उद्‌देश्‍य में सफल हो सका ?​

आपके क्षेत्र में भीषण बाढ़ की चपेट में है और प्रशासन नींद में सोया है। राहत कार्यों को तथा अन्य सरकारी मदद की प्राप्ति की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए किसी प्रतिष्ठित समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखिए​

संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए। रस्सी कच्चे धागे की, खींच रही मैं नाव। जाने कब सुन मेरी पुकार, करें देव भवसागर पार। पानी टपके कच्चे सकोरे, व्यर्थ प्रयास हो रहे मेरे। जी में उठती रह-रह हूक, घर जाने की चाह है घेरे।।

निम्नलिखित वाक्यों में संज्ञा शब्द और संज्ञा भेद लिखिए क) बुढ़ापे में इन्सान बिल्कुल बच्चा बन जाता है। ख) प्रियंका गाँधी और राहुल गाँधी बहन-भाई हैं। ग) खिड़की के शीशे टूटे हैं। घ) सैनिक लड़ रहे हैं। ङ) हिमालय पर्वतों का राजा है च) आकाश में पक्षी उद्घ रहे हैं। छ) एवरेस्ट की चढ़ाई बहुत कठिन है। ज) हाथी मस्त चाल चलता है। झ) आज मैं बहुत खुश हूँ।  ञ) बच्चे बचपन में बहुत चंचल होते हैं। ट) कक्षा में बच्चे बैठे हैं। ठ) गरीबी बहुत बड़ा अभिशाप है। ड) मेरा विद्यालय दिल्ली में स्थित है। ण) सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। प) करेले में कड़वापन होता है।  फ) मैदान में कुछ लड़के बात कर रहे हैं।

निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तर दें। वे बाधक हों दिन-रात हमें! यों काम नहीं चलता जग में! जीवन तो है यह, भीषण रण; संघर्ष प्रगति; विश्राम, मरण! लेकर के नित जीते रहना, कोरी भावुकता रग-रग में, यों काम नहीं चलता जग में! यो काम नहीं चलता जग में! ज्यों ही पग-तल में शूल लगा बस, बीते सुख की याद जगा छालों को सहलाते रहना आँसू टपका-टपका मग में यों काम नहीं चलता जग में बाधक चट्टानें चूर न कीं, पथ की झाड़ी भी दूर न की, ये अंग चुभाती रहें सदा, 1. कवि ने पग में शूल लगने पर क्या करने को कहा है? 2. हमें आगे बढ़ने का रास्ता किस प्रकार बनाना चाहिए? 3. किस प्रकार जीने से काम नहीं चलता है? 4. इस पद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक लिखिए। 5. ‘पथ के तीन सामानार्थी शब्द लिखिए।

❖ सूर्योदय का वर्णन लगभग सभी बड़े कवियों ने किया है। प्रसाद की कविता ‘बीती विभावरी जाग री’ और अज्ञेय की ‘बावरा अहेरी’ की पंक्तियाँ आगे बॉक्स में दी जा रही है। ‘उषा’ कविता के समानांतर इन कविताओं को पढ़ते हुए नीचे दिए गए बिंदुओं पर तीनों कविताओं का विश्लेषण कीजिए और यह भी बताइए कि कौन-सी कविता आपको ज़्यादा अच्छी लगी और क्यों? ❖ उपमान ❖ शब्दचयन ❖ परिवेश बीती विभावरी जाग री! अंबर पनघट में डुबो रही- तारा-घट ऊषा नागरी। खग-कुल कुल-कुल-सा बोल रहा किसलय का अंचल डोल रहा, लो यह लतिका भी भर लाई- मधु मुकुल नवल रस गागरी अधरों में राग अमंद पिए, अलकों में मलयज बंद किए- तू अब तक सोई है आली आँखों में भरे विहाग री। -जयशंकर प्रसाद भोर का बावरा अहेरी पहले बिछाता है आलोक की लाल-लाल कनियाँ पर जब खींचता है जाल को बाँध लेता है सभी को साथः छोटी-छोटी चिड़ियाँ, मँझोले परेवे, बड़े-बड़े पंखी डैनों वाले डील वाले डौल के बैडौल उड़ने जहाज़, कलस-तिसूल वाले मंदिर-शिकर से ले तारघर की नाटी मोटी चिपटी गोल धुस्सों वाली उपयोग-सुंदरी बेपनाह काया कोः गोधूली की धूल को, मोटरों के धुएँ को भी पार्क के किनारे पुष्पिताग्र कर्णिकार की आलोक-खची तन्वि रूप-रेखा को और दूर कचरा चलानेवाली कल की उद्दंड चिमनियों को, जो धुआँ यों उगलती हैं मानो उसी मात्र से अहेरी को हरा देंगी। – सच्चिदानंद हीरानंद वात्सयायन ‘अज्ञेय’

भोर का नभ राख से लीपा हुआ चौका (अभी गीला पड़ा है) नयी कविता में कोष्ठक, विराम चिह्नों और पंक्तियों के बीच का स्थान भी कविता को अर्थ देता है। उपर्युक्त पंक्तियों में कोष्ठक से कविता में क्या विशेष अर्थ पैदा हुआ है? समझाइए।

नीचे दिए गए वाक्यों को निर्देशानुसार बदलिए- (क) वह पान लाने के लिए चौक तक गया। (मिश्र वाक्य में) (ख) बाज़ार जाकर कुछ फल-सब्ज़ी ले आओ। (संयुक्त वाक्य में) (ग) माँ गई और बालक रोने लगा। (मिश्र वाक्य में) (घ) जो परिश्रम करेगा, वह उत्तीर्ण हो जाएगा। (साधारण वाक्य में)​

अगले शनिवार को आपके क्षेत्र के जिलाअधिकारी एक कैंप लगाने वाले हैं, जिसमें लोगों की शिकायतों को सुनकर उसका उचित निराकरण किया जाएगा। आप अपने क्षेत्र के प्रतिनिधि की हैसियत से सभी को सूचित करने के लिए 25-30 शब्दों में एक सूचना तैयार कीजिए |​